छिंदवाड़ा।साल 1980 के लोकसभा चुनाव के दौरान छिंदवाड़ा में प्रचार करने पहुंची तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने कमलनाथ को अपना तीसरा बेटा बताया था और छिंदवाड़ा के लोगों से वोट देने की अपील की थी, उसके बाद से कमलनाथ ने राजनीति के मैदान में पीछे मुड़कर नहीं देखा. जानिए इस अजेय योद्धा का राजनीतिक सफर.
जन्मभूमि से लेकर कर्मभूमि तक कमलनाथ का सफर:18 नवंबर 1946 को कानपुर के खलासी लाइन में कमलनाथ का जन्म हुआ. कमलनाथ की प्रारंभिक शिक्षा कानपुर में हुई, उनके पिता महेंद्र नाथ और मां लीला नाथ उन्हें पढ़ा लिखा कर वकील बनना चाहते थे. कानपुर के बाद उनके माता-पिता कोलकाता में जाकर बस गए कमलनाथ की स्कूली शिक्षा देहरादून के दोनों स्कूल से हुई, उसके बाद उन्होंने कोलकाता के सेंट जेवियर कॉलेज से कॉमर्स में ग्रेजुएशन किया. कमलनाथ को साल 2006 में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया, कमलनाथ 1980 में पहली बार छिंदवाड़ा से सांसद चुने गए इसके बाद वे 1984, 1989, 1991, 1997, 1998, 1999, 2004, 2009, 2014 तक छिंदवाड़ा लोकसभा से सांसद रहे. कमलनाथ अब तक सिर्फ 1997 के छिंदवाड़ा में हुए लोकसभा का चुनाव मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम सुंदरलाल पटवा से हारे थे.