छिंदवाड़ा। जिले के कई ग्रामीण वन अधिकार पट्टा के लिए सरकारी ऑफिसों के चक्कर काट रहे हैं, कई बार शिकायत के बाद भी उन्हें पट्टा अभी तक नहीं मिल पाया है. ग्रामीणों ने बताया कि वो आमला में रहते हैं, लगभग 75 ग्रामीण हैं, जिनका वन अधिकार पट्टा का नवीनीकरण होना बाकी है. ग्रामीणों ने बताया कि उनके पास 75 साल का रिकॉर्ड नहीं है, इस वजह से 2007 के बाद से वन अधिकार पट्टा का नवीनीकरण नहीं हो पाया है.
वनाधिकार पट्टों के लिए दर-दर भटक रहे ग्रामीण, नहीं हो रहा नवीनीकरण - not get benefit of forest rights lease
छिंदवाड़ा जिले के कई ग्रामीण 'वन अधिकार पट्टा' के लिए एक दफ्तर से दूसरे दफ्तर भटक रहे हैं, लेकिन उन्हें पट्टा अभी तक नहीं मिल पाया है. पढ़िए पूरी खबर..
![वनाधिकार पट्टों के लिए दर-दर भटक रहे ग्रामीण, नहीं हो रहा नवीनीकरण Villagers wandering from rate to rate for forest rights leases](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-9008566-964-9008566-1601546505809.jpg)
वनाधिकार पट्टों के लिए दर-दर भटक रहे ग्रामीण
वनाधिकार पट्टों के लिए दर-दर भटक रहे ग्रामीण
ग्रामीणों का कहना है कि सौंसर जनपद पंचायत में दस्तावेज पड़े हुए हैं, रिकॉर्ड ना होने के कारण नवीनीकरण नहीं हो पा रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि शासन द्वारा भले ही कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, लेकिन सभी लोगों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. इसी वजह से उन्हें परेशान होना पड़ रहा है.
Last Updated : Oct 1, 2020, 3:57 PM IST