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दो राज्यों की नीति के बीच अटकी किसानों की सम्मान निधि, 20 गांव के किसानों को नहीं मिल रहा योजना का लाभ

महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश की सीमा पर बसे 20 गांव के किसान केंद्र सरकार द्वारा शुरु की गई प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं. क्योंकि इन किसानों के गांव महाराष्ट्र में आते हैं लेकिन उनकी जमीन मध्यप्रदेश की सीमा में आती है. लेकिन ऑनलाइन डाटा फीड न होने के चलते हजारों किसान इस योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं.

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Published : Jul 24, 2019, 5:47 AM IST

छिंदवाड़ा। मोदी सरकार द्वारा किसानों को 6 हजार रुपए सालाना सम्मान निधि देने वाली योजना का लाभ छिंदवाड़ा जिले के करीब 20 गांव के किसानों को नहीं मिल पा रहा है. क्योंकि प्रदेश सरकार का एक दस्तावेज इस योजना का लाभ दिलाने में किसानों के लिए परेशानियां बड़ा रहा है. मामला दो राज्यों से जुड़ा हुआ है. छिंदवाड़ा जिले से महाराष्ट्र की सीमा लगती है जिनमें कुछ किसानों की जमीनें मप्र हैं लेकिन गांव महाराष्ट्र में आते हैं. जिसके चलते किसानों का डाटा ऑनलाइन फीड नहीं हो पा रहा है.

दो राज्यों की नीति के बीच अटकी किसानों की सम्मान निधि

दो राज्यो के बीच कागजी कार्रवाई की वजह से 20 गांव के किसानों के लिए किसान सम्मान निधि की योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है. मप्र में पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन पंजीयन में समग्र आईडी लग रही है लेकिन महाराष्ट्र में समग्र आईडी नहीं है जिसके चलते इन किसानों का डाटा फीड नहीं हो रहा है. किसानों ने योजना का लाभ दिलाए जाने के लिए सरकार से गुहार लगाई है.

छिंदवाड़ा जिले से महाराष्ट्र के नागपुर और अमरावती जिले की सीमा से सटे नरखेड़, बाड़ेगांव, बड़चिचौली, राजौराकला, लांघा, मालेगांव, हिवरासेनडवार, खापरखेड़ा, हिवरापुरथेरा सहित करीब 20 गांव के किसानों की जमीन मध्यप्रदेश की सीमा में आती है. जिनका पंजीयन पीएम किसान सम्मान निधि योजना में किसानों के पास समग्र आईडी नहीं होने के चलते अटका हुआ है. क्योंकि ये सभी गांव महाराष्ट्र की सीमा में आते है.

मामले में अधिकारियों का कहना है कि दस्तावेज नहीं है इसलिए पोर्टल डाटा फीड नहीं कर पा रहा है. भले ही केन्द्र सरकार किसानों के भलाई के लिए सम्मान निधि योजना लाई हो लेकिन मप्र सरकार का दस्तावेज ही योजना का लाभ दिलाने में रोड़ा बन रहा है अगर समय रहते सरकार ने इसका उपाय नहीं निकाला तो हजारों किसान लाभ से वंचित हो जाएंगे.

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