छिंदवाड़ा। पश्चिम छिंदवाड़ा के वनमंडल में होशंगाबाद की बॉर्डर के पास जिला के अंतिम गांव आल्मोद की जंबूद्वीप नदी से एक ऐसा झरना बहता है जिसकी सुंदरता की तुलना पचमढ़ी के बी फॉल से की जाती है. करीब 150 फीट की उंचाई से गिरने वाला ये झरना घोघरा वॉटरफाल के नाम से प्रसिद्ध है.
ऊंचे पहाड़ों के बीच से नीचे गिरने वाले इस जलप्रपात के सौंदर्य का शब्दों में बयां करना बहुत ही मुश्किल है. यहां की नैसिर्गक सुंदरता बरबस ही यहां से गुजरने वाले लोगों का मन मोह लेती हैं. यहां की प्राकृतिक सुंदरता को देखकर ही वन विभाग अब इसे विकसित करने जा रहा है.
स्थानीय लोगों को रोजगार की आस
स्थानिय लोगों का कहना है कि उनके इलाके में पर्यटन के कई स्थान हैं लेकिन प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है, जिसके चलते लोगों को ऐसी मनोरम जगहों की जानकारी नहीं है. अगर प्रशासन इसे विकसित करता है तो जिले में न सिर्फ पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी बल्कि गांव में रोजगार की संभावना भी बढ़ेगी.
वन विभाग भी कर रहा तैयारी
आदिवासी इलाके में पर्यटन के जरिए रोजगार को बढ़ावा मिल सके इसलिए वन विभाग भी इस झरने को विकसित करने की योजना बना रहा है. सड़क से महज 500 मीटर की दूरी पर बने इस झरने के साथ ही प्रकृतिक सौन्दर्यता के साथ वन विभाग पिकनिक स्पॉट और टूरिस्ट प्वाइंट बनाने की योजना भी कर रहा है.