छिंदवाड़ा। गोंड को लेकर पूर्व सीएम कमलनाथ के द्वारा दिए गए बयान के बाद कांग्रेस का पारंपरिक वोट बैंक कहा जाने वाला आदिवासी समाज पूर्व सीएम कमलनाथ और कांग्रेस से उनके ही जिले में खफा नजर आ रहा है. जिसके चलते अब आदिवासी समाज के लोग अलग-अलग तरीके से कांग्रेस का विरोध कर रहे हैं. कमलनाथ ने कहा था गोंड नहीं कांग्रेस ही छिंदवाड़ा में है सब कुछ. आदिवासी समाज के युवा नेता देवरावेन भलावी ने बताया कि 15 जून को भोपाल में पत्रकारों के द्वारा पूर्व सीएम कमलनाथ से एक सवाल पूछा गया था कि आप की पार्टी गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ गठबंधन कर रही है. इस पर आपका क्या कहना है तो पूर्व सीएम कमलनाथ ने इसका सीधा जवाब ना देते हुए गोंडवाना के लोगों को अपमानित करते हुए कहा था कि छिंदवाड़ा में भी गौंड है 3-3 गौंड विधायक कांग्रेस पार्टी से हैं और गोंड और गोंडवाना का कोई अस्तित्व नहीं है. इसके विरोध में गोंडवाना के संगठनों ने मिलकर फव्वारा चौक में पूर्व सीएम कमलनाथ का पुतला भी जलाया था.
कमलनाथ की चेतावनी:आदिवासी नेता और आम आदमी पार्टी के पदाधिकारी प्रह्लाद सिंह कुसरे ने बताया कि पूर्व सीएम कमलनाथ 1980 से छिंदवाड़ा जिले में आदिवासी और गोंड के दम पर ही अपनी राजनीति करते आ रहे हैं. छिंदवाड़ा जिले में करीब 38 फ़ीसदी आदिवासी मतदाता है जिसमें सबसे ज्यादा गौंड समाज से है उन्होंने कहा कि पड़ोसी जिला बैतूल में 34 फ़ीसदी आदिवासी मतदाता है लेकिन फिर भी वहां की लोकसभा सीट आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित है छिंदवाड़ा सीट भी आदिवासी वर्ग के आरक्षित होना था लेकिन कमलनाथ ने अपनी राजनीति करने के लिए यहां पर परिसीमन भी करवा दिया और इस सीट को आरक्षित भी करवा लिया लेकिन आने वाले चुनावों में गोंड और आदिवासी बता देंगे कि छिंदवाड़ा में उनका क्या अस्तित्व है.