छिंदवाड़ा। "पहले अपमान करो और फिर विरोध होने लगे तो पैर धोकर माफी मांग लो, यह चाल-चरित्र और चेहरा केवल भाजपा और उसके नेताओं का ही हो सकता है." छिंदवाड़ा में कांग्रेस आदिवासी प्रकोष्ठ की बैठक लेते हुए पूर्व सीएम कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए ये बाते कही.
पहले अपमान करो, विरोध हो जाए तो सम्मान करो:कमलनाथ ने कहा कि "मप्र में 18 वर्षों से भाजपा आदिवासी भाइयों, बहनों व युवाओं पर अत्याचार कर रही है, भाजपा के नेता हर मोर्चे पर उन्हें अपमानित करने का कोई अवसर नहीं छोड़ रहे. प्रदेश में आदिवासियों की सर्वाधिक संख्या है, फिर भी वे अपने आत्म सम्मान को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं, इन विषम परिस्थितयों में सामाजिक बंधुओं को एकजुटता का परिचय देना चाहिए. प्रदेश के सीधी जिले में भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला ने सड़क किनारे बैठे आदिवासी भाई पर पेशाब कर ना केवल सर्व आदिवासी समाज का निरादर किया, बल्कि मप्र की छवि को पूरे देश में धूमिल करने का काम भी किया है. पहले अपमान करो और फिर विरोध होने लगे तो पैर धोकर माफी मांग लो, यह चाल, चरित्र और चेहरा केवल भाजपा और उसके नेताओं का ही हो सकता है."
भाजपा के घमंड तोड़ने का समय: कमलनाथ ने आगे कहा कि "भाजपा को 18 साल बाद बादल भोई जी, रानी दुर्गावती सहित अन्य आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की याद आ रही है. भाजपा के इस अपमान का बदला लेने का समय भी नजदीक आ रहा है, लोकसभा और विधानसभा में भाजपा को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएं तभी उनका सत्ता का घमंड टूटेगा. आदिवासियों की जमीन सुरक्षित है केवल कांग्रेस सरकार के समय इंदिरा गांधी जी द्वारा बनाए गए कानून की वजह से है. कांग्रेस ने ही आदिवासियों के हितों और अधिकारों को सुरक्षित रखने का काम किया है."