छिंदवाड़ा।जिले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा 50 बेड का पोस्ट कोविड-19 आइसोलेशन सेंटर बनाया गया है. नरसिंहपुर रोड स्थित संकटमोचन स्कूल में बनाए गए इस आइसोलेशन सेंटर में कोरोना योद्धाओं को आइसोलेट किया जा रहा है. जिसमें उनके रहने, खाने, पीने की तमाम व्यवस्थाएं की गई हैं. इस आइसोलेशन सेंटर में महिलाओं के रहने के लिए अलग से व्यवस्था भी की गई है. आइसोलेशन सेंटर में वह कोरोना योद्धा रह सकेंगे, जिनके पास आइसोलेट होने की जगह न हो. यह जो संयुक्त परिवार में रहते हों.
50 बेड का पोस्ट कोविड सेंटर बनाया सेंटर में 50 लोगों की व्यवस्था
कोरोना योद्धाओं के लिए बनाए गए आइसोलेशन सेंटर में एक कमरे में 2 से 3 बिस्तर हैं. इस तरह लगभग 50 लोगों के रहने की व्यवस्था बनाई गई है. जिसमें से एक हॉल में 10 बिस्तरों का इंतजाम महिला कोरोना योद्धाओं के लिए किया गया है. वहीं उनके साथ आने वाले परिजनों के लिए भी अलग से व्यवस्था बनाई गई है. अभी तक यहां पर लगभग 9 लोग आ चुके हैं, कुछ लोग ठीक होकर अपने घर भी लौट चुके हैं. वहीं इस आइसोलेशन सेंटर में लगातार कोरोना योद्धाओं के आने का सिलसिला जारी है.
कोरोना योद्धाओं को किया जा रहा आइसोलेट 18 से 20 स्वयंसेवक कर रहे सेवा
RSS के लगभग 18 से 20 कार्यकर्ता इसमें लगातार निस्वार्थ भाव से अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं. वही कोरोना योद्धाओं के लिए नियमित समय पर चाय, पानी, नाश्ता, भोजन और अन्य चीजों की व्यवस्था की गई है. वहीं उनके नहाने के लिए गर्म पानी, पीने के लिए गर्म पानी की भी व्यवस्था स्वयंसेवकों की तरफ से की गई है.
खाने-पीने की तमाम व्यवस्था संकटमोचन स्कूल में खोला आइसोलेशन सेंटर कोरोना योद्धाओं के लिए तमाम व्यवस्थाएं
RSS द्वारा चलाए जा रहे इस आइसोलेशन सेंटर में कोरोना योद्धाओं के लिए तमाम व्यवस्थाएं हैं. कोरोना योद्धा ने ईटीवी भारत से अपना अनुभव भी शेयर किया. एक कोरोना योद्धा ने बताया कि कोविड जांच के दौरान वह संक्रमित पाए गए. सिटी स्कैन का स्कोर 17 परसेंट आया था. जिसके बाद उनका जिला अस्पताल में लगभग 10 दिनों तक इलाज चला. इसके बाद उन्हें आइसोलेट होना था. लेकिन उनके घर में अलग से कमरे की व्यवस्था नहीं थी. इस दौरान कोरोना योद्धा के किसी परिचित ने उन्हें RSS के आइसोलेशन सेंटर के बार में जानकारी दी. जिसके बाद वह यहां आइसोलेट हुए. कोरोना योद्धा ने कहा, 'पिछले तीन-चार दिनों से वह यहां रह रहे हैं, और आइसोलेशन सेंटर में वास्तव में सराहनीय कार्य किया जा रहा है.'