छिंदवाड़ा। भारतीय बौद्ध महासभा द्वारा 28 मई यानि गुरुवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के नाम पर तहसीलदार डॉक्टर अजय भूषण शुक्ला को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के दौरान जमीन का समतलीकरण करते समय प्राचीन अवशेष भारत सरकार द्वारा अपने अधिकार में लेने की बात कही गई. साथ ही जनहित में उत्खनन करने की मांग की गई है.
भारतीय बौद्ध महासभा के जिला अध्यक्ष चंद्रभान बागड़े और प्रदेश उपाध्यक्ष प्रोफेसर बीएल बागड़े ने बताया कि जानकारी मिली थी कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए जमीन का समतलीकरण करते हुए 21 मई 2020 को प्राचीन अवशेष मिले थे.
भारतीय संविधान के अनुरूप प्राचीन पुरातत्व अवशेष को पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग नई दिल्ली को अपने अधिकार में लेने की शक्ति प्रदान की गई है, इसलिए मिले हुए अवशेषों को पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को सौंपा जाना चाहिए. साथ ही जो व्यक्ति या संस्था उन प्राचीन अवशेषों को नष्ट करने का प्रयास करता है, उन पर कानून के तहत सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.
पूरे क्षेत्र में सरकार द्वारा जांच होनी चाहिए, खुदाई में जो धार्मिक स्मारक के अवशेष मिलेंगे, उसका पुनर्निर्माण ठीक वैसे ही होना चाहिए, जैसे वह प्राचीन काल में था. इस दौरान रामकृष्णा गजभिए, हीरामन सामकुवर, जागेश्वर बागड़े, एमआर शेंडे, सिद्धार्थ बागड़े, राजेद्र गजभिये सदस्य उपस्थित रहे.