छिंदवाड़ा। जिले में गरीबों को बंटने वाला चार हजार मीट्रिक टन चावल अमानक स्तर का पाया गया है, जिसको लेने से नागरिक आपूर्ती निगम (civil supplies corporation) ने मना कर दिया है. इसकी कीमत करीब दो करोड़ रुपए है. इसके चलते आठ राइस मिलर्स को नोटिस भी जारी किया गया है.
राइस मिलों को दिया गया था चावल बनाने का ठेका
साल 2020 में हुई धान खरीदी के बाद जिले की 8 राईस मिलों को 2021-22 में चावल बनाने का काम दिया गया था. मिलिंग अनुबंध के अनुसार गुणवत्ता के मानकों के अनुरूप चावल नागरिक आपूर्ती निगम को देना था. जिले के 8 मिलर्स ने मिलिंग के लिए करीब 27 हजार 500 मीट्रिक टन धान का लाट उठाया था. मिलिंग के बाद जब गुणवत्ता की जांच हुई तो 4 हजार मीट्रिक टन चावल मानकों पर खरा नहीं उतरा.
नागरिक आपूर्ती निगम ने चावल लेने से किया इनकार
नागरिक आपूर्ती निगम के मैनेजर ने उक्त चावल को लेने से इनकार करते हुए मिलर्स को नोटिस जारी किया है. नोटिस के अनुसार, अमानक स्तर के चावल की मात्रा के बराबर का गुणवत्ता वाला चावल जमा करना होगा. जब तक के लिए मिलर्स को धान का लाट उठाने से रोक दिया है.
गरीबों को राशन दुकानों से यही बंटता है चावल
धान की सरकारी खरीदी के बाद नागरिक आपूर्ति निगम और विपणन संघ अपनी-अपनी खरीदी के आधार पर अनुबंध के तहत मिलिंग कराते हैं. गुणवत्ता के मानकों पर खरा उतरने के बाद इस चावल को राशन दुकानों के जरिए गरीबों तक पहुंचाया जाता है. गरीबों को घटिया किस्म के चावल मिलने की घटनाओं के पीछे मिलर्स और अधिकारियों की सांठगांठ भी होती है.