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मना करने के बावजूद नहीं रुक सका खूनी खेल, 'गोटमार मेला' पर सख्ती रही बेअसर

छिंदवाड़ा में कोरोना को देखते हुए प्रशासन की समझाइस के बाद भी विख्यात गोटमार मेला पोले के दिन यानि मंगलवार को शुरू हो गया. पांढुर्णा और सावरगांव के लोगों ने एक दूसरे पर जमकर पत्थरबाजी की. जिसके बाद हालात बिगड़ते देख एएसपी ने मोर्चा संभाला है.

Gotmar fair
गोटमार मेला

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Published : Aug 18, 2020, 9:42 PM IST

छिंदवाड़ा। खूनी खेल के नाम से पूरे देश में मशहूर गोटमार मेला पोले के दिन यानि मंगलवार को शुरू हो गया. जाम नदी की पुलिया पर पांढुर्णा और सावरगांव के लोगों ने एक दूसरे पर जमकर पत्थरबाजी की. वहीं प्रशासन द्वारा कोरोना को लेकर समझाइश देने के बावजूद इसका कोई असर नजर नहीं आया, जिससे प्रशासनिक अमले में हलचल बढ़ गई है.

गोटमार मेला

एसपी कलेक्टर ने हटाये टेंट, एएसपी ने संभाला मोर्चा

मंगलवार की दोपहर छिंदवाड़ा कलेक्टर सौरभ सुमन और पुलिस अधीक्षक विवेक अग्रवाल गोटमार की व्यवस्था देखने पांढुर्णा पहुंचे. जहां निरीक्षण के दौरान एसपी और कलेक्टर ने नगर पालिका द्वारा सामुदायिक भवन और राम धक्के पर लगाये गए टेंट को तत्काल हटाया. वहीं एएसपी शशांक गर्ग ने पांढुर्णा कृषि उपज मंडी में गोटमार मेले में जिन पुलिसकर्मी और अधिकारियों की ड्यूटी लगाई, उनको दिशा- निर्देश दिए.

पुलिस वाहन देख आक्रोशित हुए लोग, वापस लौटा वाहन

जाम नदी पर मंगलवार को हुए पत्थरों के इस खूनी खेल को प्रशासन भी नहीं रोक पाया. आखिर सावरगांव पक्ष के लोगों को समझाइश देने पहुंचे पुलिस के वाहन को देख लोग भड़क गए. जिससे पुलिस और वाहन को पुलिया से वापस लौटना पड़ा. सावरगांव पक्ष के लोग गुजरी चौक तक पत्थरबाजी करते हुए पहुंच गए. इसी प्रकार मजदूर केंद्र पर किसानों ने परंपरागत रूप से पोला उत्सव मनाया. जहां तोरण बांधकर बैलों की पूजा की गई.

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