छिन्दवाड़ा। महिलाओं और बेटियों पर बढ़ रहे अत्याचार के चलते वे किसी पर निर्भर ना रहे और असामाजिक तत्वों से खुद निपट सके. इसके लिए छिंदवाड़ा के युवाओं की एक टोली लड़कियों को 40 दिनों तक आत्म रक्षक की फ्री में ट्रेनिंग दे रही है. जिसमें कई लड़कियां हिस्सा लेकर आत्मरक्षा के गुर सीख रही हैं.
आत्मरक्षा की ट्रेनिंग लेती लड़कियां हथियारों के साथ आत्मरक्षा के गुर सीख रही बेटियां
छिंदवाड़ा के कुछ युवाओं की टोली ने वी स्टैंड फॉर ऑल नाम से एक क्लब बनाया है. जिसका उद्देश्य लड़कियों को खुद पर निर्भर कर उन्हें असामाजिक तत्वों से निपटने के काबिल बनाना है. इसके लिए युवाओं की टोली छिंदवाड़ा के अलग-अलग इलाकों में लड़कियों को 40 दिन की फ्री आत्मरक्षा ट्रेनिंग दे रही है. जिसमें तलवार भाले लाठी जैसे हथियारों के अलावा दांवपेच भी सिखाए जा रहे हैं.
खुद पर निर्भर होने के लिए बढ़-चढ़कर आगे आ रहीं लड़कियां
लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने की मुहिम में लड़कियां भी अब आगे बढ़ कर आ रही हैं. खुद पर आत्मविश्वास और लोगों से कैसे निपटा जाएगा, इसके लिए आत्मरक्षा के गुर सीखने के लिए हर दिन ट्रेनिंग लेने सुबह 6 बजे से 9 बजे तक चलने वाली इस ट्रेनिंग में काफी संख्या में लड़कियां आ रही हैं और बेहिचक ट्रेनिंग ले रही हैं.
आत्मरक्षा की ट्रैनिंग लेती लड़कियां आत्मरक्षा के साथ ही आत्मबल को दिया जा रहा बढ़ावा आत्मरक्षा की ट्रेनिंग लेने आ रही लड़कियों का कहना है कि सिर्फ उन्हें वहां पर हथियार और शारीरिक शिक्षा ही नहीं दी जाती. बल्कि इन्हें चलाने के लिए हौसला और आत्मबल की भी जरूरत होती है. सिर्फ सीख लेने से हथियार नहीं चलाए जाते इसलिए इस ट्रेनिंग सेशन में आत्मबल और आत्मविश्वास को बढ़ाने के लिए भी अलग से सेशन दिया जाता है. जिसमें उन्हें आत्मविश्वास आ रहा है कि वे किसी भी परिस्थिति में खुद की रक्षा करने के लिए तैयार हो रही हैं.
आत्मरक्षा की ट्रैनिंग लेती लड़कियां लड़कियों के परिवार भी हो रहे जागरूक
आत्मरक्षा की ट्रेनिंग लेने वाली लड़कियों में ज्यादातर छोटे और मध्यम वर्गीय परिवार से हैं. जहां पर लड़कियों को आमतौर पर ऐसी शिक्षा देना मुनासिब नहीं होता है. लेकिन अब बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पेरेंट्स भी आगे आ रहे हैं. अपनी बेटियों को खुद की सुरक्षा करने के काबिल बनाने के लिए ट्रेनिंग सेशन पर भेज रहे हैं.