छिंदवाड़ा।प्रदेश मेंपेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से एक बार फिर किसानों की समस्या बढ़ गई है. तेल के दाम बढ़ने से किसानों को गेहूं की कटाई महंगी पड़ रही है, जबकि गेहूं पिछले दामों में ही बिक रहा है. जिस कारण किसान इस वक्त आर्थिक संकट से गुजर रहा है.
- हार्वेस्टर मशीन के जरिए कटाई
दरअसल, अब खेतों में गेहूं की कटाई में हार्वेस्टर मशीन के जरिए होने लगी है. पिछले साल तक 1000 रुपए प्रति एकड़ के रेट से गेहूं की कटाई होती थी, लेकिन अचानक डीजल के दाम बढ़ने ने से कटाई के रेट डेढ़ गुना तक बढ़ गए हैं. किसानों से अब हार्वेस्टर संचालक 1500 रुपए प्रति एकड़ तक कटाई का पैसा ले रहे हैं.
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गेहूं की कटाई मशीन का खर्च बढ़ने पर छिंदवाड़ा के किसान केशव प्रसाद माहोरे ने गुरुवार को बताया कि गेहूं की कटाई के लिए मजदूर न मिलने से अब उन्हें मशीन पर भी निर्भर होना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि पिछले साल 1000 रुपए प्रति एकड़ के रेट से गेहूं की कटाई होती थी, लेकिन अब वह 1200-1500 रुपए प्रति एकड़ तक हो गई है. गेहूं की फसल पर अब लागत ज्यादा लग रही है, लेकिन रेट अभी भी पिछले ही हैं.
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- हार्वेस्टर मशीन संचालक ने बताए रेट बढ़ने के कारण
वहीं, तेल के दामों पर खेती पर पड़ने वाले असल पर हार्वेस्टर मशीन संचालक ने कहा कि डीजल के दाम, मशीन के रख रखाव का खर्च बढ़ गया है, जिसके कारण उन्होंने कटाई के दाम बढ़ाए हैं. उन्होंने कहा कि फसलों की एमएसपी नहीं बढ़ाई गई है. फसल अब भी पुराने दामों पर बिल रहे हैं, कहीं-कहीं तो एमएसपी से भी कम में फसलें बिक रही हैं.
गौरतलब है कि डीजल-पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी से हर सेक्टर में महंगाई आई है, लेकिन पिछले साल जब 65-70 रुपए प्रति लीटर डीजल के दाम थे तब भी गेहूं 1925 रुपए प्रति क्विंटल में सरकार ने खरीदी की थी. डीजल 90 रुपए प्रति लीटर होने पर भी गेहूं के दामों में केवल 50 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ है, जिले में इस वक्त 1975 रुपए प्रति क्विंटल के से गेहूं खरीदा जा रहा है