छिंदवाड़ा। आमतौर पर दिसंबर से लेकर जून तक बाजारों में फूल की बहुत मांग रहती है, जिसके लिए लोग अलग अलग तरीके से पारंपरिक खेती छोड़कर फूलों की खेती अपना रहे थे. छिंदवाड़ा के भी कई किसान जरबेरा के फूलों की खेती करते हैं जो विदेशों तक पहुंचता है लेकिन लॉकडाउन के चलते अब लोग सुंदर फूलों को फेंकने के लिए मजबूर हो रहे हैं.
जिस फूल की पहुंच कभी छिंदवाड़ा से लेकर सात समंदर पार हुआ करती थी और उसकी सुंदरता देखते ही लोग उसे खरीदने को मजबूर हो जाते थे अब वही फूल सड़कों में पड़ा नजर आ रहा है. दरअसल खेती को लाभ का धंधा बनाने की मंशा से कई किसानों ने लाखों रुपए की लागत से पॉलीहाउस में जरबेरा के फूलों की खेती शुरू की थी.