छिंदवाड़ा। नए कृषि बिल के लागू होने के बाद भी मध्यप्रदेश में किसानों की परेशानी फिलहाल कम होने का नाम नहीं ले रही है. छिंदवाड़ा में इन दिनों किसानों को फसल का लागत मूल्य नहीं मिल पा रहा है जिससे परेशान किसान अपनी फसल को ओने पौने दामों में बेचने को मजबूर हैं. मक्के की फसल की खरीदी न होने की वजह से किसान दोहरी मार झेल रहे हैे क्योंकि जो दाम मक्के के बाजारों में मिल रहे हैं, उस दाम से तो किसान की लागत भी नहीं निकल पा रही हैं, मजबूरन किसान न तो आगामी फसल की तैयारी कर पा रहा है और न अपना कर्ज उतार पा रहा है.
सरकार समर्थन मूल्य पर नहीं खरीद रही मक्का
दरअसल छिंदवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा मक्के का उत्पादन होता है लेकिन इस साल मध्य प्रदेश सरकार मक्के के समर्थन मूल्य पर खरीदी नहीं कर रही है, जिसके चलते मजबूरन किसानों को लागत मूल्य से भी कम दाम में अपनी फसल व्यापारियों को बेचनी पड़ रही है. पिछले साल तक सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य में मक्के की खरीदी करती थी, लेकिन इस बार सरकार ने मक्के के अलावा खरीद की सभी फसलों की खरीदी शुरू कर दी है, लेकिन मक्के के लिए पंजीयन तक नहीं कराया है. कृषि उपज मंडी में मक्का बेचने आए किसान ने बताया कि उन्होंने 12 हजार रुपए की लागत लगाई थी, लेकिन मक्का उनका मात्र 80 हजार का हुआ. इस प्रकार से उन्हें फसल में करीब 40 हजार का घाटा हुआ है आखिर किसान कैसे करेगा.
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