छिंदवाड़ा। सौसर तहसील के मोहगांव में जवाहरलाल कृषि अनुसंधान केंद्र में संतरे के उत्पादन ने किसान मोरेश्वर बोन्द्रे को लखपति बना दिया है. हर एक पेड़ पर लगभग 500 फल लगते हैं, जिससे किसान को महज चार साल में ही बड़ा मुनाफा हो गया.
संतरे के उत्पादन ने किसान को महज 4 साल में बनाया लखपति
शहर में संतरे के ज्यादा उत्पादन ने किसान को लखपति बना दिया, महज चार साल के अंदर ही किसान को बड़ा फायदा हुआ है.
अनुसंधान केंद्र में संतरे को रोगमुक्त रखने के लिए विशेष ध्यान दिया जाता है. साथ ही जिस खेत में पौधे लगाए जाते हैं, किसान विशेषज्ञों से समय-समय पर पौधों को स्वास्थ्य रखने के लिए जानकारी लेते हैं. कृषि अनुसंधान केंद्र से डॉक्टर एस.आर. धारपुरे, डॉक्टर डी.यन. नानदेकर और जगदीश बारस्कर ने संतरों का निरीक्षण किया. वहीं निरीक्षण के दौरान डॉक्टर एस. आर. धारपुरे (रिटा. कृषि वैज्ञानिक) ने जानकारी देते हुए कहा कि किसान के खेत में सबसे ज्यादा नागपुर मन्डेरियन वेरायटी के संतरे उपलब्ध हैं. सामान्य तौर पर वेरायटी के पेड़ 5 साल बाद ही फल देते हैं, लेकिन इस पेड़ ने महज 4 साल में किसान को बड़ा मुनाखा दे दिया.
किसान के पास लगभग 650 संतरे के पेड़ हैं, जिसमें से 450 पेड़ पर संतरा पैदा होता है, जिस पर लगभग डेढ़ लाख से ज्यादा फल लगे हुए थे. अगर इसकी और अच्छी देखरेख की जाती तो इससे भी ज्यादा उत्पादन होने की संभावना है.
वहीं किसान मोरेश्वर का कहना है कि संतरे की इस बंपर उत्पादन का पूरा श्रेय आंचलिक अनुसंधान केंद्र, डॉक्टर एस. आर. धारपुरे और टीएमसी टीम को जाता है.