छिंदवाड़ा। बीते सोमवार से क्षेत्र में लगातार बारिश से माचागोरा बांध के सभी गेट खोल दिए गए थे. गेट खोलने से क्षेत्र के निचले इलाकों में बाढ़ की स्थिति निर्मित हो गई थी. जिससे कई किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं.
बाड़ीवाड़ा गांव के एक किसान की फसल और मछली पालन करने वाले तालाब का किनारा बह जाने से परेशान किसान ने बीते दिनों जहर खा लिया था. जिसकी गुरुवार को इलाज के दौरान मौत हो गई.
किसान ने जहर खाकर की आत्महत्या जिले के चांद तहसील के बाड़ीवाड़ा निवासी संतराम ढीमर की फसल अतिवृष्टि के चलते बर्बाद हो गई. वहीं किसान ने आमाझिरी गांव में वन विभाग से मछली पालन के लिए तालाब किराए पर लिए थे, वह भी बह गया. जिससे परेशान किसान ने 28 अगस्त की रात में जहर खा लिया था. जिसकी जानकारी लगते ही परिजनों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया. जहां उसका इलाज चल रहा था. वहीं गुरुवार को इलाज के दौरान किसान की मौत हो गई.
मृतक की पत्नी ने बताया कि गांव में चलने वाले स्व सहायता समूह से भी उन्होंने कुछ मछली के बीज तालाब में डालने के लिए उधार लिए थे. जिसे लेकर उन्हें काफी चिंता होती थी.
वहीं जो फसल थी, वह भी अतिवृष्टि के चलते बर्बाद हो गई. परिजनों का कहना है कि उनकी मौत के बाद शासन प्रशासन ने उनकी किसी भी तरह की सहायता नहीं की है. मामले में तहसीलदार सुनैना ब्रम्हे का कहना है कि किसान की आत्महत्या के बारे में जांच की जा रही है. जांच के बाद ही सही कारणों का पता चल पाएगा.