छिंदवाड़ा।शहर की गलियों में नुक्कड़ नाटक (Street show) करते करते सिल्वर पर्दे (Silver Screen) पर अपनी पहचान बनाने वाले पंकज सोनी (Pankaj Soni) ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि अब दौर बदल गया है. डिजिटल के इस युग में कलाकार कहीं से भी अपनी काबिलियत साबित कर सफलता हासिल कर सकते हैं. यदि किसी को थोड़ा भी टेक्नोलॉजी का नॉलेज है, तो वह अपने घर मे बैठकर भी नाम कमा सकता है.
'और भाई क्या चल रहा है' में दिखते हैं पंकज सोनी
मनोरंजन चैनल एंड टीवी के धारावाहिक 'और भाई क्या चल रहा है' (Aur Bhai Kya Chal Raha Hai) में बाबू जी का किरदार निभाने वाले पंकज सोनी छिंदवाड़ा के रहने वाले हैं. कॉलेज के दौरान से ही पंकज अभिनय के क्षेत्र से जुड़ गए थे. छिंदवाड़ा में थिएटर का स्कोप ज्यादा नहीं था. इसलिए कभी-कभी छोटे-छोटे बच्चों के नाटक और नुक्कड़ नाटक किया करते थे. फिर अचानक उन्हें मुंबई से एंड टीवी के सीरियल के लिए बुलावा आया.
पंकज बताते है कि मैंने कॉलेज के दिनों में ही अभिनय शुरु कर दिया था. उस समय मैंने एक कहानी भी लिखी थी. ओम पूरी, नसरुद्दिन शाह और इरफान खान से मुझे प्रेरणा मिली है. मेरा रुझान अभिनय की ओर हुआ, तो नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के बारे में पता चला. लेकिन हम इसके काबिल नहीं थे. उसने एक क्वालिफिकेशन की जरूरत थी. विजयानंद मेरे पहले गुरु है उन्होंने ही मुझे इस काबिल बनाया.
एमए हिंदी साहित्य के कोर्स में शामिल है इनके नाटक
पंकज सोनी खुद को एक्टिंग से ज्यादा लिखने के काबिल मानते हैं. उनके लिखे हुए दो नाटक तितली और जहर MA साहित्य के पाठ्यक्रम में भी शामिल किए गए हैं. इसके अलावा भी उन्होंने कई नाटकों में स्क्रिप्टिंग की है. पंकज बताते है कि मैंने लिखना छोटी उम्र से शुरू कर दिया था. इसे में अभिव्यक्ति का तरीका मानता हूं. उस उम्र में लिखी गई कहानी आज कमाल कर रही है. जहर कहानी पर में एक वेब सीरीज भी बनाने वाला हूं.