मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

सीएम के गृह जिले में किसानों पर पड़ी दोहरी मार, कपास के बाद अरहर ने भी दिया धोखा

पांढुर्णा के किसानों को इस साल दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. एक ओर कपास के पौधे में बोंडी नजर नहीं आने से किसान चिंतित हैं, दूसरी ओर अरहर की फसल भी धोखा दे गयी.

कपास की फसल ने बढ़ाई किसानों की चिंता

By

Published : Oct 13, 2019, 11:38 PM IST

छिंदवाड़ा। पांढुर्णा में कपास की फसल ने किसानों को रूला दिया है. इस साल किसानों को उम्मीद थी कि कपास की फसल की पैदावार अच्छी होगी, लेकिन अधिक बारिश के चलते कपास की फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई. अब पौधों से बोंडी अंकुरित नहीं हो रहा है. जिससे इस साल कपास की पैदावार में काफी गिरावट आने की उम्मीद है, किसानों के मुताबिक कपास के एक पौधे में लगभग 40 से 50 बोंडी लगती है, लेकिन इस साल महज 3 से 4 बोंडी ही नजर आ रही है. ये परेशानी पांढुर्णा क्षेत्र की नही हैं, बल्कि पूरे छिंदवाड़ा और आसपास के जिले के गांव में बनी हुई है.

कपास की फसल ने बढ़ाई किसानों की चिंता

खेतों में ऐसे कपास के हजारों पौधे हैं. जिनमे एक भी बोंडी दिखाई नहीं दे रही है. इस साल किसानों को मुनाफा तो छोड़ो लागत की भरपाई करना भी कठिन हो गया है. पिछले 12 दिनों से निकल रही तेज धूप से किसानों को राहत जरूर मिल रही है, लेकिन खेत-खलिहान में आज भी पानी भरा है, जिससे किसान चिंतित है.

15 हजार हेक्टेयर में लगी कपास बर्बाद
कृषि विभाग के सर्वे के मुताबिक पांढुर्णा में 40 प्रतिशत से अधिक खरीफ की फसलें बर्बाद हुई हैं. जिनमे सबसे ज्यादा कपास, मक्का और मूंगफली की फसल प्रभावित हुई है. इस साल 17 हजार 800 हेक्टेयर में कपास की बुवाई की गई थी. जिसमें से 80 प्रतिशत कपास के पौधों में बोंडी नजर नही आ रही हैं. जिससे 15 हजार हेक्टेयर कपास की फसल बर्बाद हुई है. यही हाल मक्के का भी है, जो लगभग 6 हजार हेक्टेयर मक्के की फसल खराब हो चुकी है. जिससे किसानों की चिंता और बढ़ गई है.

अरहर की फसल ने भी छोड़ा किसानों का साथ
पांढुर्णा के किसानों को इस साल दोहरी मार झेलनी पड़ रही है. जहां एक ओर कपास के पौधे में बोंडी नजर नहीं आने से किसान चिंतित हैं. इस समस्या से उभर ही नहीं पाए थे कि अरहर की फसल ने भी किसानों को धोखा दे दिया. इस साल अधिक बारिश से तुअर की फसल भी बर्बाद हो गई है. अब तुअर की ऊंचाई महज 2 फीट तक रह गई है, जबकि पूरे खेत में घास फैल गई है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details