छिंदवाड़ा। कमलनाथ को उनके ही जिले में कमजोर करने के लिए सीएम शिवराज सिंह चौहान एक और चुनावी दंव खेलने जा रहे हैं. दरअसल शिवराज सिंह चौहान 19 जुलाई को पांढुर्णा को जिला बनाने की घोषणा के साथ ही नया दांव चल सकते हैं, 19 जुलाई को सीएम पांढुर्ना पहुंच रहे हैं जहां पांढुर्ना को जिला बनाने के लिए कई दिन से मांग भी की जा रही है.
आदिवासी समाज का बड़ा वोट बैंक इस इलाके में:पांढुर्णा और सौसर विधानसभा में आदिवासी समाज का एक बड़ा वोट बैंक है, ऐसे में पांढुर्णा के वोट बैंक को साधने और लंबे समय से चली आ रही जिला बनाने की मांग पर विराम लगाते हुए सीएम यहां पर घोषणा कर सकते हैं. अपने पहले दौरे के दौरान भी सीएम शिवराज सिंह चौहान ने पांढुर्ना को जिला बनाने के लिए विचार करने की बात कह चुके हैं.
महाराष्ट्र के नागपुर से लगा है पांढुर्ना, छिंदवाड़ा से है लंबी दूरी:सालों से पांढुर्ना जिला बनाओ समिति पांढुर्णा को जिला बनाने की मांग कर रही है, ये महाराष्ट्र के नागपुर जिले से सटा हुआ है और छिंदवाड़ा से पांढुर्ना की दूरी 90 किलोमीटर है, ऐसे में आम लोगों को अपने सरकारी काम कराने के लिए छिंदवाड़ा पहुंचना पड़ता है, जो काफी दिक्कतों भरा होता है. आने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर संभावना यही जताई जा रही है कि सीएम चुनावी साल में बड़ी घोषणा कर एक बड़ा दांव चल सकते हैं.
पांढुर्ना, सौसर और मुलताई को मिलाकर बनाया जा सकता है नया जिला:पहले भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पांढुर्ना को जिला बनाने के लिए विचार करने की बात कही थी और उसके बाद मसौदा तैयार किया गया था. इसके हिसाब से पांढुर्ना को मुख्यालय बनाते हुए सौसर तहसील और बैतूल जिले की मुलताई तहसील को मिलाकर जिला बनाने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था, हालांकि उस प्रस्ताव पर कोई अमल नहीं किया गया है. एक बार फिर कयास लगाए जा रहे हैं इन्हीं तीन तहसीलों को मिलाकर पांढुर्ना को जिला बनाया जा सकता है.