छिंदवाड़ा। कोरोना के कहर के बीच प्रदेश में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ था, लेकिन छिंदवाड़ा ऐसा जिला था, जो न सिर्फ खुद के लिए ऑक्सीजन की पूर्ति कर रहा था बल्कि करीब 10 जिलों में भी ऑक्सीजन की सप्लाई कर रहा था. प्रदेश में सबसे पहले कोरोना की दूसरी लहर ने छिंदवाड़ा में दस्तक दी थी, जिसके कारण कोरोना कर्फ्यू लगाया गया था. प्रशासनिक रणनीति के प्रयासों के बाद अब कोरोना की रफ्तार पर काबू पाया गया है. कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने बताया कि पहली लहर के दौरान प्राइवेट सेक्टर में 14 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भंडारण की क्षमता थी.
जून-जुलाई से ही तैयारी कर दी थी शुरू
कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने बताया कि उन्होंने मई 2020 में छिंदवाड़ा में कलेक्टर के रूप में ज्वॉइन किया था. उसके बाद से ही जून-जुलाई में उन्होंने टेंडर प्रक्रिया कर 19 मीट्रिक टन क्षमता के ऑक्सीजन टैंक सरकारी अस्पताल में लगाए. जिसमें 13 मीट्रिक टन जिला अस्पताल में और 6 मीट्रिक टन पांढुर्ना के सिविल अस्पताल स्थापित किए गए थे. इसके साथ ही बोरगांव में बंद पड़े 32 मीट्रिक टन कैपेसिटी के प्लांट को चालू करवाया गया. फिर बोरिया में एयर सेपरेशन यूनिट, जो प्रतिदिन 600 सिलेंडर रिफिल कर सकती थी, उसे भी जनभागीदारी से शुरू करा दिया गया. छिंदवाड़ा में 12 मीट्रिक टन ऑक्सीजन की प्रतिदिन खपत हो रही थी, लेकिन छिंदवाड़ा के पास 60 से 70 मीट्रिक टन ऑक्सीजन प्रतिदिन हुआ करती थी. ऑक्सीजन की कमी के समय करीब 10 जिलों यहां से ऑक्सीजन सप्लाई की जा रही थी.
तीसरी लहर के लिए पूरी तैयारी