छिंदवाड़ा। सरकार भले ही कितने ही दावे कर ले, लेकिन जमीनी आंकड़े कुछ अलग ही बयां करते हैं. फिलहाल ऐसे ही मध्यप्रदेश में संगठित क्षेत्रों के मजदूरों को सहायता देने के नाम से बनाई गई संबल योजना फंड की कमी के चलते छिंदवाड़ा के निम्न कोटि के लोगों को सहारा नहीं बन पा रही है, पिछले 1 साल में जिले में 1149 हितग्राहियों को सहायता का इंतजार है.
साल 2018 में शुरू की गई थी योजना:असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए केंद्र सरकार ने 2018 में संबल योजना की शुरुआत की थी, योजना के तहत मृत होने पर ₹2 लाख और एक्सीडेंट में मृत होने पर ₹4 लाख देने का प्रावधान है. साथ ही अंत्येष्टि के लिए ₹5000 भी दिए जाते हैं, वहीं शहर में योजना नगरी निकाय और ग्रामीण क्षेत्र में जनपद पंचायत के माध्यम से संचालित हो रही है.
साल भर से फंड का इंतजार:संबल और नया सवेरा के नामों में उलझी सरकारी योजना आमजनों का सहारा नहीं बन पाई है, वेरिफिकेशन पूरा हो चुका है लेकिन साल भर से हितग्राही के खातों में राशि आने का इंतजार है. सरकारी सहायता मिल जाए इसके लिए हितग्राही सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अफसरों के पास भी हितग्राहियों से फंड की कमी का जवाब मिल रहा है.(MP Sambal Yojana) असंगठित मजदूरों के लिए केंद्र सरकार ने संबल योजना की शुरुआत की थी, लेकिन कोरोना से बिगड़ी शासन की वित्तीय स्थिति के कारण इस योजना की हितग्राही लाभान्वित नहीं हो पाए. 2021-22 से अब तक जिले में 1149 हितग्राहियों ने योजना के तहत आवेदन किया है, लेकिन फंड प्राप्त नहीं हुआ है. अधिकारियों का कहना है कि वेरिफिकेशन तो सभी का हो चुका है, लेकिन शासन से फंड आने का इंतजार है.