छिन्दवाड़ा।सौंसर तहसील को मिलाकर पांढुर्णा को जिला बनाने की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान घोषणा कर चुके हैं. वहीं, रक्षाबंधन के दिन सौंसर के लोगों ने अर्धनग्न होकर प्रदर्शन किया और सौंसर को जिला मुख्यालय बनाने की मांग की है. दरअसल, 24 अगस्त को मुख्यमंत्री सौंसर की जाम सांवली हनुमान मंदिर में हनुमान लोक का भूमि पूजन करने पहुंचे थे. इस मौके पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि "पांढुर्णा तहसील और सौंसर तहसील के साथ ही नांदनवाड़ी उप तहसील को मिलाकर पांढुर्णा को जिला बनाया जाएगा." इसके 24 घंटे बाद ही दावे आपत्ति के लिए नोटिफिकेशन भी जारी हो गया है. जिसमें एक महीने का समय दिया गया है. सौंसर विधानसभा क्षेत्र के लोगों का कहना है कि "पांढुर्णा जिला बनने से काफी विसंगतियां होंगी, इसलिए जिला मुख्यालय सौंसर रखना चाहिए".
जिला मुख्यालय के लिए सौंसर क्यों जरूरी ये है:कुछ दिनों से सौंसर तहसील को जिला बनाने की मांग सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर जोरों से चल रही है. इस मांग को अमलीजामा पहनाने के लिए आम जनता, सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक व अन्य संगठनों का समर्थन मिलना शुरू हो गया है. सौंसर को आखिर जिला क्यों बनाया जाए और सौंसर के जिला बनने से क्या फायदा होगा, इस पर लोंगो का कहना है कि "सौंसर क्षेत्र खनिज संपदा, पर्यटन, कृषि, औद्योगिक क्षेत्र, परिवहन, जिला बनने की शर्तों को पूरा करता है, वहीं सौसर क्षेत्र की जनसंख्या करीब 2 लाख से ज्यादा है. बिछुआ और मोहखेड़ जिसकी दूरी सौंसर से महज 30 किलोमीटर की दूरी पर है. सौसर में 2 जिला पंचायत क्षेत्र, जनपद 20, नगरपंचायत 03, नगर पालिका 1 और ग्राम पंचायत 59 हैं और 1911 में तहसील भवन बना है तो अग्रेजों के जमाने की 1883 की तहसील बताई जा रही है, जिससे 2 तहसील पांढुर्णा और बिछुआ अलग हुए हैं."