छिंदवाड़ा।प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़कों में डामर के अलावा प्लास्टिक वेस्ट की कतरन को मिलाया जाता है. डामर के साथ करीब 8 फीसदी प्लास्टिक वेस्ट मिलाया जाता है, जिससे सड़क का निर्माण होता है. दावा किया जा रहा है कि पिछले कुछ सालों में बनी इन सड़कों की उम्र अन्य सड़कों की तुलना में ज्यादा है. छिंदवाड़ा जिले में वर्ष 2015 से इसकी शुरूआत हुई. 80 किमी सड़क बनाने का लक्ष्य प्लास्टिक वेस्ट से बनाने का रखा था, जो अब लगभग पूरा हो चुका है.
रोजाना करीब 15 टन तक प्लास्टिक वेस्ट :आंकड़ों के अनुसार शहर के कचराघर में प्रतिदिन औसतन 65 टन कचरा आता है, जिसका 30 फीसदी हिस्सा सूखा कचरा होता है. नगर निगम के रिकार्ड अनुसार इस सूखे कचरे में से 10 से 15 टन पॉलीथिन होती है. प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के जीएम वी रावत ने बताया कि प्लास्टिक वेस्ट का उपयोग कर सड़क बनाई गई है, जिसका रिजल्ट अच्छा है. अब सड़क रिन्यूअल में भी प्लास्टिक वेस्ट का उपयोग 20 फीसदी हिस्से में किया जा रहा है.