छिंदवाड़ा।जिले में बिना मौसम बारिश के बाद जमकर पाला पड़ा. जिस वजह से टमाटर की फसल झुलस गई. इसे झुलसा रोग भी कहते हैं. इसकी वजह से टमाटर में दाग हो गया और बाजार में उसकी डिमांड कम हो गई है. बाजार में टमाटर के सही दाम नहीं मिलने की वजह से किसान अब अपने खेतों से टमाटर तोड़कर सड़क के किनारे फेंक रहे हैं ताकि खेती को खाली किया जा सके और दूसरी फसल लगाकर भरपाई कर सकें. किसान टमाटर को खेतों से तोड़कर सड़क के किनारे फेंक रहे हैं. Farmers destroying tomato crops
एक एकड़ में एक लाख की लागत :छिंदवाड़ा के बावई गांव में किसानों ने बताया कि अकेले इस छोटे से गांव में करीब 100 एकड़ जमीन में टमाटर की फसल लगाई गई थी. एक एकड़ में करीब 1 लाख रुपए की लागत आती है. इस हिसाब से सिर्फ एक छोटे से गांव में करोड़ों रुपए की टमाटर की फसल बर्बाद हो गई है. इसी तरह छिंदवाड़ा जिले में लगभग ढाई हजार हेक्टेयर जमीन में टमाटर की फसल लगाई गई है. किसानों ने बताया कि जब यही टमाटर के दाम महंगे हो जाते हैं तो देशभर में हंगामा होता है. अब किसान टमाटर तोड़कर सड़कों में फेंक रहा है, जिसका लागत मूल्य तो दूर की बात लेबर चार्ज भी निकलना मुश्किल हो रहा है. Farmers destroying tomato crops