छिंदवाड़ा।देश के 272 नशा करने वाले जिलों में छिंदवाड़ा का नाम भी शामिल है. नशा निवारण की गतिविधियों के बाद भी लोगों की आदतों में सुधार नहीं हो पा रहा है. सामाजिक न्याय विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार साल 2020 में केंद्र सरकार की ओर से नशे में लिप्त 272 जिलों की सूची जारी की गई थी. इस सूची में मध्य प्रदेश के 15 जिले भी शामिल हैं. इनमें छिंदवाड़ा का नाम प्रमुख था.
2000 करोड़ का तो सिर्फ शराब का होता है नशा:जिले की जनसंख्या करीब 23 लाख से ज्यादा है. जिले में महुआ शराब परंपरागत है. इसके साथ ही आबकारी विभाग की देसी और विदेशी शराब पर टैक्स के आंकड़ों का ग्राफ हर साल बढ़ रहा है. जिले की आबकारी आय 345 करोड़ रुपए हो गई है. इससे शराब का अनुमानित का कारोबार करीब 2000 करोड़ रुपये सालाना है.
नशा रोकने के लिए चलाया जाएगा अभियानः जिले में लोग बीड़ी, सिगरेट, तंबाकू व गुटखा से लेकर कई तरह के नशों में लिप्त है. ऐसे में जिला सूची से बाहर नहीं निकल पा रहा है. सामाजिक न्याय विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार साल 2020 में केंद्र सरकार की ओर से नशे में लिप्त 272 जिलों की सूची जारी की गई थी. इस सूची में मध्य प्रदेश के 15 जिले भी शामिल है, जिसमें छिंदवाड़ा का नाम प्रमुख है. एक बार फिर सामाजिक न्याय विभाग हॉटस्पॉट चिन्हित करना सीढ़ियों के लिए 15 अगस्त तक अभियान चलाएगा.