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विकास मॉडल छिंदवाड़ा की ये तस्वीर भी देखें, जिले के कई गांवों में नहीं सड़क, चुनाव बहिष्कार पर अड़े ग्रामीण

छिंदवाड़ा जिले को विकास का मॉडल बताकर साल 2018 के विधानसभा चुनाव में 15 सालों से वनवास झेल रही कांग्रेस को कमलनाथ ने सत्ता में वापसी कराई थी. लेकिन इस विकास मॉडल के जिले में कई ऐसे गांव हैं, जहां पर आज भी लोग मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं. इन गांवों में सड़क नहीं होने की वजह से लोगों को पैदल ही सफर करना पड़ रहा है. हालात ये हैं कि अब लोग मतदान का बहिष्कार कर रहे हैं. Chhindwara villages no Development

Chhindwara villages no Development
छिंदवाड़ा जिले के कई गांवों में सड़त तक नहीं, चुनाव बहिष्कार

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 16, 2023, 3:05 PM IST

Updated : Nov 16, 2023, 5:44 PM IST

छिंदवाड़ा जिले के कई गांवों में सड़त तक नहीं, चुनाव बहिष्कार

छिंदवाड़ा।छिंदवाड़ा जिले के जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र के एक गांव में पूर्व सीएम कमलनाथ के बेटे और छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ पहुंचे. उन्हें लोगों ने गांव में घुसने से ही रोक दिया. हालत ये है कि कमलनाथ का विकास मॉडल और बीजेपी के 18 सालों की उपलब्धि के बाद भी इन गांवों के हालात नहीं सुधरे. बीते 43 सालों से छिंदवाड़ा जिले में राजनीति कर रहे पूर्व सीएम कमलनाथ मध्य प्रदेश में अपने जिले को विकास का मॉडल बताते हैं. इतना ही नहीं, बीजेपी भी अपने 18 साल के कार्यकाल की उपलब्धि गिनाती है लेकिन कई गांव आज भी ऐसे हैं, जहां सड़क नहीं है.

वाहन नहीं पहुंच पाते :सड़क नहीं होने के कारण गांव में चौपहिया वाहन नहीं पहुंच पाते. लोगों को पैदल ही सफर करना पड़ता है. चुनाव के दौरान पोलिंग पार्टियों को 2 से 3 किलोमीटर तक का सफर बैलगाड़ी या फिर ट्रैक्टर से तय करना पड़ता है. बिछुआ विकासखंड के मोहपानी, टेकापानी, मझियापार, मुंगनापार, चीचगांवबड़ोसा, मोहखेड़ विकासखंड के मछेरा, खैरवाड़ा अमरवाड़ा के झिरपानी, जुन्नारदेव के कई गांव हैं, जहां पर सड़क नहीं है और अब लोग चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं.

विधायक ने लिखकर दिया, ग्रामीणों को नहीं भरोसा :जुन्नारदेव विधानसभा क्षेत्र में सीएम के बेटे सांसद नकुलनाथ का विरोध हुआ था. बिलावर कला गांव में प्रचार करने पहुंचे नकुलनाथ से ग्रामीणों ने अपनी समस्या बताई. किसी भी नेता को गांव में घुसने की मनाही कर दी. जैसे ही सांसद नकुलनाथ वर्तमान विधायक और कांग्रेस के प्रत्याशी सुनील ऊइके के साथ प्रचार करने पहुंचे तो ग्रामीणों ने गांव में घुसने से मना कर दिया. काफी देर तक कांग्रेस के नेता ग्रामीणों को समझाइश देते रहे. ग्रामीणों ने लिखित में सड़क बनाने का आश्वासन मांगा. ग्रामीणों की मांग पर विधायक सुनील ऊइके ने लिखकर भी दिया लेकिन ग्रामीणों का कहना था कि विधायक झूठ बोलते हैं और काम नहीं करते. इसलिए सांसद नकुलनाथ लिखकर दें, तभी गांव में घुसने दिया जाएगा.

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चुनाव बहिष्कार के लिए रैली :मोहखेड जनपद पंचायत के उपाध्यक्ष ईश्वर सिंह खुद गांव में विकास नहीं होने और सड़क नहीं बनने से खफा होने पर ग्रामीणों के साथ हैं. ग्रामीणों के साथ मतदान का बहिष्कार करने की रैली निकालने के साथ ही उनका कहना है कि गांव में नेता आकर सिर्फ वोट लेने के लिए आश्वासन देते हैं लेकिन कोई विकास नहीं करता. गांव में पहुंचने के लिए आज भी पक्की सड़क नहीं है. इसलिए अब वे भी जनता के साथ हैं. जब तक गांव में पक्की सड़क नहीं बनेगी कोई वोट करने नहीं जाएगा.

Last Updated : Nov 16, 2023, 5:44 PM IST

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