छिंदवाड़ा।कुछ लोगों ने कलेक्टर से शिकायत की थी कि सौसर में स्कूल में पढ़ाई के नाम पर गोरखधंधा किया जा रहा है. बच्चों के नाम स्कूलों में दर्ज तो हैं लेकिन कोई भी बच्चा स्कूल नहीं जाता है, बल्कि वे निजी कोचिंग संस्थान में पढ़ाई करते हैं. शिकायत के बाद शिक्षा विभाग की टीम द्वारा मिडास ताज कोचिंग क्लासेस, रैंकर्स होम कोचिंग क्लासेस, कैरियर कोचिंग क्लासेस रेड डाली, जिसमे अनियमितता पाई गई. जांच टीम द्वारा पाया गया कि स्कूल के बच्चे पूरे दिन कोचिंग पढ़ते हैं और स्कूल नहीं जाते.
फर्जी मेंटेन हो रहे रजिस्टर :शिक्षा विभाग एवं शासन के नियमानुसार बच्चों की स्कूल में 75 प्रतिशत उपस्थिति होने पर ही वार्षिक परीक्षा में बैठने की अनुमति दी जाती है. लेकिन जब बच्चे स्कूल ही नहीं जाते तो फिर उनकी उपस्थिति कैसे दर्शाई जाती है. इसका मतलब यह है कि स्कूल के रजिस्टर में बच्चों के फर्जी साइन किए जाते हैं. कोचिंग में पढ़ाई करने वाले एक छात्र ने बताया कि स्कूल द्वारा एडमिशन के समय ही पूरे साल की फीस ले ली जाती है और उनसे डील की जाती है कि वह सिर्फ परीक्षा देने के लिए ही स्कूल में उपस्थित होंगे. बाकी समय उनकी हाजिरी रजिस्टर में स्कूल प्रबंधन द्वारा भरी जाती है.
स्कूलों में फर्जीवाड़ा :सिर्फ सौसर में ही नहीं बल्कि कई ऐसे स्कूल हैं जिनमें बच्चे के नाम दर्ज हैं लेकिन अधिकतर बच्चे पढ़ाई के लिए या तो कोटा में तैयारी कर रहे हैं या फिर दूसरे शहरों में. जांच टीम को कोचिंग में उपस्थित छात्र-छात्राओं से किस स्कूल में पढ़ते हैं, पूछने पर उनके द्वारा सबसे ज्यादा 3 स्कूल के नाम बताए गए. इनमे लिटिल स्टेप हायर सेकंडरी स्कूल, बोरगांव, सनफ्लावर हायर सेकंडरी स्कूल, सौसर, मोहगांव के नाम बताए गए. कोचिंग सेंटर्स पर करीब 1600 बच्चे पढ़ाई करते मिले, जो स्कूल ना जाकर दिनभर कोचिंग में पढ़ाई करते हैं.