चैत्र नवरात्रि 2023 का पावन पर्व शुरू हो गया है, 9 दिनों तक माता रानी की आराधना करने से विशेष फल प्राप्त होता है. पर सवाल ये है कि 9 दिनों तक माता की आराधना किस विधि से करें, नौ देवियों की पूजा सामग्री में क्या-क्या शामिल करें कि मां खुश होकर अपना आशीर्वाद आपकों दें.. इन सब के बारे में बताया है श्री गणेश मठ अलोणी सेवा संस्थान बिछुआ और सिद्ध योग मठ अखाड़ा के महामंडलेश्वर 108 डॉ. वैभव अलोणी ने, आइए आप भी जानिए नौ दिन तक मां दुर्गा की आराधना के तरीके-
1.नवरात्रि के प्रथम दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है, इस दिन माता को गाय के घी का भोग लगाएं. गाय के घी का भोग लगाने से बीमारियों से मुक्ति मिलती है, जिन भी व्यक्ति का चंद्रग्रह खराब हो वह माता शैलपुत्री की पूजा करें और इस मंत्र का 108 बार जाप करें- "ॐ शं शैलपुत्री देव्यै: नमः।"
माता की पूजा पीले रंग के वस्त्र पहन कर करें और माता को लाल पुष्प अर्पित करें.
2. नवरात्रि के द्वितीय दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है, इस दिन माता को शक्कर या सफेद मिठाई का भोग लगाएं और दान करें. दान करने से आयु लंबी होती है, जिन भी व्यक्ति का मंगल ग्रह खराब है, वहां माता ब्रह्मचारिणी की पूजा करें और इस मंत्र का 108 बार जाप करें- "हीं श्री अम्बिकायै नमः।" माता की पूजा हरे रंग के वस्त्र धारण कर पूजा करें और माता को श्वेत कमल या सफेद पुष्प अर्पित करें.
3. नवरात्रि के तृतीय दिन माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है, इस दिन माता को दूध से बने मिष्ठान खीर का भोग लगाएं. भोग लगाने से दुखों का नाश होता है, जिस किसी व्यक्ति का शुक्र ग्रह खराब हो वहां माता चंद्रघंटा की पूजा करें. इस मंत्र का 108 बार जाप करें- "ऐं श्री शक्तयै नमः।"
माता की पूजा हल्का भूरा रंग के वस्त्र धारण कर करें माता को कनेर के पुष्प अर्पित करें.
माता चंद्रघंटाको खुश करने के विशेष उपाय:
- तृतीया तिथि पर यह विशेष उपाय करें, अपने सिर के ऊपर से सात काली मिर्च उतारे और उसे काले कपड़े में बांधकर माता के चरणों में चढ़ा दें, यह उपाय करने से सभी दोषों मुक्ति मिलती है.
4. नवरात्रि के चतुर्थ दिन माता कुष्मांडा की पूजा की जाती है, इस दिन माता को मालपुआ का भोग लगाया जाता है. यह भोग लगाने से बुद्धि का विकास होता है, जिस किसी व्यक्ति का सूर्य ग्रह खराब है, वह माता कुष्मांडा की पूजा करें और इस मंत्र का 108 बार जाप करें. "ऐं ही देव्यै नमः।"
माता की पूजा नारंगी रंग के वस्त्र धारण कर करें और माता को चंपा पुष्प अर्पित करें.
5. नवरात्रि के पंचम दिन माता स्कंदमाता की पूजा की जाती है, इस दिन माता को केले का भोग लगाया जाता है. केले का भोग लगाकर सिद्धि प्राप्ति व अच्छी सेहत की कामना करें, जिस किसी व्यक्ति का बुध ग्रह खराब है, वह माता स्कंदमाता की पूजा करें और इस मंत्र का 108 बार जाप करें.- "ही क्लीं स्वमिन्यै नमः।"
माता की पूजा उजला रंग के वस्त्र धारण कर करें और माता को कुंद के पुष्प अर्पित करें.
6. नवरात्रि की षष्ठी तिथि को माता कात्यायनी की पूजा की जाती है, इस दिन माता को शहद का भोग लगाया जाता है. यह भोग लगाने से आकर्षण, जीवन में मधुरता आती है ,सुंदर रूप की प्राप्ति होती है. जिस किसी व्यक्ति का गुरु ग्रह खराब है, वह माता कात्यायनी की पूजा करें और इस मंत्र का 108 बार जाप करें.- "क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।"
माता की पूजा लाल रंग के वस्त्र धारण कर करें और माता को गुड़हल के लाल पुष्प अर्पित करें.