छिंदवाड़ा। अन्नदाता मेहनत कर अपनी फसल उगाता है, लेकिन अगर उस फसल के सही मूल्य मिले तो वह परेशान हो जाता हैं. फूलगोभी 1-2 रुपए किलो बिक रही है इसलिए किसान ने फसल को बिना काटे ही खेत में छोड़ दिया. फूलगोभी की तो लागत निकली और न ही मेहनत का पैसा.
खेतों में सड़ रही फूलगोभी, मूल्य नहीं मिलने के कारण किसान परेशान
किसानों ने खून पसीना एक कर सब्जियां लगाई थीं. वहीं सब्जियों का सही मूल्य नहीं मिलने के कारण वह काफी परेशान हैं और सब्जियों को खेत में ही छोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि तोड़ाई में मेहनत करने से भी क्या फायदा और अब सब्जियां खेत में लगी हुई ही खराब हो रही है.
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- अधिकांश किसान करते हैं सब्जियों की खेती
छिंदवाड़ा जिले के उमरेठ तहसील में अधिकांश किसान सब्जियों की खेती करते हैं. यहां बहुत सी सब्जियां अलग जिले और प्रदेश तक में जाती हैं. किसानों के अभी हाल काफी खराब हैं. किसानों ने बताया कि एक तो कोरोना काल के दौरान उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा था. वहीं अब सब्जियों के मूल्य नहीं मिलने के कारण परेशान हैं. उन्होंने बताया कि 1 एकड़ में फूलगोभी की सब्जियां लगाई थीं, जिसका वर्तमान में मूल्य ₹1 दो रुपए किलो चल रहा है. मेहनत का पैसा तो छोड़िए लागत का मूल्य भी नहीं निकल पा रहा है. ऐसे में सब्जी तोड़कर बेचने में और क्यों मेहनत खराब करें. किसानों ने अपने खेत में ही सब्जियां छोड़ दी हैं और अब सब्जियां खराब हो रही हैं.