छिंदवाड़ा। चुनावी मौसम में गृहिणियों की रसोई से लेकर दिल्ली दरबार तक सियासत का नशा हर शख्स पर झूम कर चढ़ता है. सियासी जगत के जुमले भी इस मामले में पीछे नहीं रहते. देश भर में सबसे ज्यादा गूंजने वाले जुमलों में से एक 'मैं भी चौकीदार'का जुमला अब पानी के घड़े तक भी पहुंच चुका है. बैतूल के शाहपुर निवासी मिट्टी के बर्तन बनाने वाले एक परिवार पर सियासत और पीएम मोदी का नशा ऐसा चढ़ा कि उसने 'मैं भी चौकीदार' लिखे मटके ही बना डाले.
अब मटके भी बने चौकीदार, प्यास बुझाएगा ये सियासी कारोबार
बैतूल के शाहपुर निवासी मिट्टी के बर्तन बनाने वाले एक परिवार पर सियासत और पीएम मोदी का नशा ऐसा चढ़ा कि उसने 'मैं भी चौकीदार' लिखे मटके ही बना डाले.
कुम्हार परिवार ने जिस भी सोच से ये मटके बनाए हों लेकिन बीजेपी के नेता इसे राष्ट्रवाद और पीएम मोदी से प्रभावित होना बता रहे हैं. बीजेपी कार्यकर्ता सूर्यकांत सोनी के मुताबिक इन मटकों को महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ जाने वाले लोग अपने साथ ले जाते हैं.
बहरहाल लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी के समर्थन वाले 'मैं भी चौकीदार' उकरे हुए मटके तो बाजार में आ गए हैं, अब देखने वाली बात होगी कि क्या कांग्रेस के चौकीदार वाले जुमलों को ऐसे ही किसी कुशल कारीगर का साथ मिलेगा या नहीं. ईटीवी भारत मध्यप्रदेश