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प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट छिंदवाड़ा विधानसभा बीजेपी के लिए अभेद किला, कमलनाथ के लिए रचा चक्रव्यूह, जानें क्या है पूरी रणनीति - कमलनाथ के खिलाफ बीजेपी का अभेद किला

MP Chhindwara Assembly Seat: एमपी में चुनाव की परीक्षा की घड़ी आ गई है. प्रदेश की सभी सीटों पर वोटिंग के बाद अब 3 दिसंबर को रिजल्ट जारी होगा. ऐसे में हम प्रदेश की हाईप्रोफाइल सीट से जुड़ी जानकारी दे रहे हैं. ये सीट है, पीसीसी चीफ कमलनाथ की छिंदवाड़ा विधानसभा. यहां से कमलनाथ पहले सांसद रहे, उसके बाद उपचुनाव में विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने. अब इसी सीट पर बीजेपी की नजर है. यहां कमलनाथ को घेरने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने चक्रव्यूह रचा है. जानें क्या है बीजेपी की छिंदवाड़ा सीट पर पूरी रणनीति.

MP Election 2023
मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा सीट पर सियासी समीकरण

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Nov 16, 2023, 3:02 PM IST

छिन्दवाड़ा।43 सालों से छिंदवाड़ा की राजनीति कर रहे, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ को उनके ही घर में घेरने के लिए बीजेपी ने चक्रव्यूह रचा है. छिंदवाड़ा से ही भारतीय जनता पार्टी के चाणक्य कहे जाने वाले केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मार्च 2023 में महाविजय अभियान की शुरुआत की थी. इसके अलावा कई केंद्रीय मंत्रियों सहित प्रदेश के दिग्गज नेताओं ने यहां पर मोर्चा संभाला है. इसके बदले कांग्रेस की तरफ से मोर्चा खुद कमलनाथ और उनके परिवार ने संभाल रखा है.

कमलनाथ के सामने युवा चेहरा मैदान में उतारा:मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के आगाज के साथ ही मध्य प्रदेश की कुछ चुनिंदा विधानसभाओं पूरे प्रदेश की नजर है. जिसमें छिंदवाड़ा सबसे महत्वपूर्ण है. यहां से मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम कमलनाथ विधायक हैं. विधानसभा चुनाव के लिए एक बार फिर कांग्रेस से कमलनाथ मैदान में है, तो वहीं भाजपा ने युवा नेता विवेक बंटी साहू को कमलनाथ के मुकाबले में मैदान में उतारा है.

2019 में हुए उपचुनाव के दौरान भी CM रहते हुए कमलनाथ का मुकाबला विवेक बंटी साहू से हो चुका है. जिसमें विवेक बंटी साहू करीब 25000 वोटो से चुनाव हारे थे.

2018 में प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए कांग्रेस को वापस दिलाई थी सत्ता:2018 के चुनाव में 15 सालों से सत्ता से दूर रही कांग्रेस को वापस लाने में कमलनाथ का मुख्य योगदान था. वे 2018 में सरकार बनाने में सफल भी रहे. हालांकि, 15 महीना के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बीजेपी ज्वाइन किया और कांग्रेस की सरकार गिर गई थी. 2018 की विधानसभा चुनाव में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहते हुए, कांग्रेस ने कमलनाथ को CM बनाने के लिए वोट मांगा था.

छिंदवाड़ा जिले की सातों विधानसभा से कांग्रेस को जीत भी मिली थी. इतना ही नहीं 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बाद भी मध्य प्रदेश से लोकसभा की इकलौती सीट छिंदवाड़ा से कमलनाथ की बेटे नकुलनाथ चुनाव जीते थे.

अमित शाह से लेकर कई दिग्गजों ने संभाली कमान:बीजेपी ने कमलनाथ को घेरने के लिए केंद्रीय मंत्रियों को जिम्मेदारी दी है. इनमें खुद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मॉनिटरिंग में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, एल मुरुगन, नरेंद्र सिंह तोमर, प्रह्लाद पटेल, राज्यसभा सांसद सुशील मोदी, कविता पाटीदार, केंद्रीय मंत्री भानुप्रताप सिह वर्मा, फग्गन सिंह कुलस्ते, स्मृति ईरानी के अलावा रविशंकर प्रसाद और कई नेता प्रचार कर रहे हैं. इसमें बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को तो छिंदवाड़ा का चुनाव प्रभारी भी बनाया गया है.

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मोदी की सभा के बाद भी सभी 7 सीट पर मिली थी हार:नौ बार सांसद और एक बार मुख्यमंत्री रहे 43 सालों से छिंदवाड़ा में राजनीति कर रहे कांग्रेस कमेटी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के प्रभाव का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान जब मोदी लहर में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत मध्य प्रदेश में 28 लोकसभा में कांग्रेस हार गई थी.

सिर्फ छिंदवाड़ा लोकसभा में कांग्रेस से कमलनाथ के बेटे सांसद नकुलनाथ चुनाव जीत कर संसद में पहुंचे थे. इसके साथ ही 2018 के विधानसभा चुनाव में भी सातों विधानसभा सीट में कांग्रेस ने ही जीत दर्ज की थी. केंद्र की राजनीति से प्रदेश की राजनीति में कदम रखने के साथ ही कमलनाथ ने 2018 में सरकार भी बना ली थी और फिर उन्होंने उपचुनाव छिंदवाड़ा विधानसभा से जीता था.

इस बार भी कांग्रेस के स्थानीय नेताओं का कहना है कि कमलनाथ को पूरे प्रदेश की कमान संभालनी है. छिंदवाड़ा में भी कमलनाथ ही चुनाव लड़ेंगे, लेकिन छिंदवाड़ा का हर कार्यकर्ता बूथ स्तर पर कांग्रेस के लिए काम कर रहा है. पिछले 43 सालों का जनता से संबंध और विकास कमलनाथ को जीतने के लिए काफी होगा.

कमलनाथ ने छिंदवाड़ा में खुद संभाला मोर्चा:भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय नेताओं से लेकर मंत्रियों की पूरी फौज छिंदवाड़ा में लगा रखी है. ताकि, कमलनाथ को किसी भी तरीके से हराया जा सके, लेकिन कमलनाथ का कहना है कि वे छिंदवाड़ा से वोट लेकर नहीं बल्कि जनता का प्यार लेकर पहुंचते हैं. इस बार भी छिंदवाड़ा में चुनाव प्रचार का मोर्चा खुद कमलनाथ और उनके परिवार में संभाल रखा है.

पूर्व सीएम कमलनाथ जहां गांव-गांव जाकर नुक्कड़ सभा कर रहे हैं, तो वहीं उनके बेटे छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ और उनकी पुत्रवधू प्रिया नाथ भी कमलनाथ को CM बनाने के लिए वोट मांग रहे हैं. चुनाव की घोषणा के बाद से जहां खुद कमलनाथ ज्यादा समय छिंदवाड़ा जिले में ही प्रचार के लिए दे रहे हैं. छिंदवाड़ा जिले में कमलनाथ के अलावा कांग्रेस का कोई भी स्टार प्रचारक सभा करने के लिए नहीं पहुंच रहा है.

इसलिए खुद कमलनाथ के अलावा उनके बेटे छिंदवाड़ा सांसद नकुलनाथ तो और पुत्रवधू प्रिया नाथ ने छिंदवाड़ा जिले में प्रचार की बागडोर संभाल रखी है. जिसे कहीं ना कहीं भारतीय जनता पार्टी अपनी राजनीति में सफल होते नजर आ रही है.जो समय कमलनाथ को प्रदेश में देना था, उसमें काफी समय उन्हें छिंदवाड़ा में ही बिताना पड़ रहा है.

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