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साइबर अपराध का बढ़ता ग्राफ ! फ्रॉड से बचाएंगे ये अहम टिप्स - Madhya Pradesh Cybercrime

इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल ने जहां कुछ चीजें आसान की हैं तो वहीं इसके कुछ नुकसान भी हैं. सोशल मीडिया से भी कई प्रकार के फ्रॉड लोगों के साथ होते हैं और ई-कॉमर्स बाजार भी साइबर क्राइम का एक बड़ा अड्डा है. जिससे बचना आपके लिए जरूरी है. इन्हें किस तरीके से अंजाम दिया जाता है और इनसे बचने के लिए हम कैसे सावधानी बरत सकते हैं. जानिए एसपी विवेक अग्रवाल से.....

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Published : Dec 12, 2020, 2:53 PM IST

छिंदवाड़ा।आज के आधुनिक युग में इंटरनेट मानव जीवन में क्रांतिकारी बदलाव लाया है, लेकिन जैसे-जैसे इसकी दुनिया बढ़ रही है. वैसे-वैसे साइबर अपराध भी पैर पसार रहे हैं. इंटरनेट के जरिए होने वाले अपराध पुलिस सिस्टम के लिए नई चुनौती साबित हो रहे हैं. इसके लिए इंटरनेट पर काम करते समय जानकारी और सतर्कता बहुत जरुरी है.

साइबर अपराध का बढ़ता ग्राफ

साइबर अपराध को अंजाम देते हैं शातिर

ईटीवी भारत से साइबर अपराधों से बचने के लिए एसपी ने बताया कि ज्यादातर क्राइम साइबर के जरिए फाइनेंसियल फ्रॉड होते हैं. जिनमें लोगों को कॉल करके बैंकिंग की समस्या या फिर पासवर्ड और फिर लिंक के जरिए ठगी करते हैं. इसी तरह महिलाओं को सोशल मीडिया में विश्वास में लेकर या फिर उन्हें बदनाम करने के लिए भी आजकल सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है या फिर समाज में किसी की प्रतिष्ठा धूमिल करने के लिए सोशल मीडिया पर उनके खिलाफ भड़काऊ पोस्ट और आपत्तिजनक टिप्पणियां सर्क्युलेट करते हैं.

ऐसे बचें ऑनलाइन ठगी से

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प्राइवेसी फीचरों को हमेशा करें उपयोग

चाहे सोशल मीडिया के प्लेटफार्म हो या फिर ऑनलाइन खरीदी के एप्लीकेशन या आजकल चलन में सबसे ज्यादा यूपीआई, सभी माध्यमों में प्राइवेट फीचर होते हैं. सबसे पहले इन फीचरों का उपयोग शुरू करना होगा ताकि आपकी व्यक्तिगत जानकारी कहीं और शेयर ना हो सके, तो आप साइबर ठगी से आसानी से बच सकते हैं.

ऐसे फंसाते हैं जालसाज

दो धारी तलवार है आधुनिक तकनीक, पहले करें जांच

एसपी विवेक अग्रवाल ने बताया कि आधुनिक तकनीक दो धारी तलवार है. जितने उसके अच्छे परिणाम है, उतने ही खतरनाक भी है. इसलिए इन चीजों को करने से पहले हमें इन्हें जान लेना चाहिए और जो भी सेफ्टी फीचर है. उनका उपयोग करने के साथ ही सुरक्षा की जानकारी पहले रखनी चाहिए. सुरक्षित प्लेटफार्म का ही उपयोग करें. जो अच्छी कंपनियां खुद अपने प्लेटफार्म पर इसके सेफ्टी फीचर भी देते हैं.

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