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छिंदवाड़ा की आदिवासी बेटी का अनोखा आविष्कार, पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान को लगेंगे पंख - छिंदवाड़ा जिले का गौरव बढ़ाया

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा की आदिवासी बेटी ने ऐसा अनोखा आविष्कार किया है कि उससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान को पंख लग जाएंगे. जिले के जनजाति विकासखंड बिछुआ के सरकारी छात्रावास की बेटी सुलोचना काकोड़िया ने एक ऐसी ऑटोमैटिक टॉयलेट क्लीनिंग मशीन बनाई है, जिसके जरिये कम पानी खर्च में बगैर हाथ लगाए अच्छी तरह सफाई की जा सकती है. देश में पहला स्थान प्राप्त करने के बाद उसके इस आविष्कार की कंबोडिया में भी चर्चा हो रही है. (Amazing invention of tribal daughter of Chhindwara)

amazing invention of tribal daughter of Chhindwara
छिंदवाड़ा की आदिवासी बेटी का अनोखा आविष्कार

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Published : Jan 2, 2023, 4:57 PM IST

छिंदवाड़ा।जिले के जनजाति विकासखंड बिछुआ के सरकारी आदिवासी छात्रावास की बेटी ने सुलोचना काकोड़िया ने ऑटोमैटिक टॉयलेट क्लीनिंग मशीन बनाकर कंबोडिया में भारत का नाम रोशन किया है. आदिवासी बेटी की इस उपलब्धि से न केवल छिंदवाड़ा बल्कि पूरे मध्यप्रदेश का भी नाम रोशन हुआ है. (PM modi cleanliness campaign will get wings)

पीएम मोदी के स्वच्छता अभियान को लगेंगे पंख

नोम पेन्ह में आसियान-भारत ग्रासरूट इनोवेशन फोरमः कंबोडिया देश के नोम पेन्ह में 19 से 22 दिसंबर तक तीसरा आसियान-भारत ग्रासरूट इनोवेशन फोरम संपन्न हुआ. इस फोरम में 9 देशों के 100 जमीनी नवाचारों को प्रदर्शित किया गया. जिसने लगभग 3000 लोग शामिल हुए. पैनल चर्चाओं की एक शृंखला में 20 से अधिक पैनलिस्ट और मुख्य वक्ता ने जमीनी स्तर पर नवाचार पर सर्वोत्तम प्रथाओं को भी साझा किया. फोरम का आयोजन आसियान कमेटी ऑन साइंस, टेक्नोलॉजी एंड इनोवेशन कंबोडिया द्वारा भारत सरकार और नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन की साझेदारी में किया गया था. जिसे आसियान-भारत एस एंड टी डेवलपमेंट फंड द्वारा वित्त पोषित किया गया था. (Asean India grassroots Innovation forum cambodia)

नोम पेन्ह में आसियान भारत ग्रासरूट इनोवेशन फोरम

छिंदवाड़ा जिले का गौरव बढ़ायाःछिंदवाड़ा जिले के लिए यह गौरव की बात है कि उसकी बेटी कु.सुलोचना काकोड़िया ने इस फोरम के कार्यक्रम में अपनी सहभागिता की. इस बालिका ने इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के अंतर्गत नवाचार करते हुये न्यूनतम लागत पर फुली आटोमेटिक टायलेट क्लीनिंग मशीन का आविष्कार कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया है. राष्ट्रीय स्तर पर अपने आविष्कार में प्रथम स्थान प्राप्त करने के बाद इस आदिवासी बालिका कुमारी सुलोचना ककोड़िया ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कंबोडिया में आयोजित कार्यक्रम में अपने आविष्कार का प्रदर्शन कर छिंदवाड़ा जिले के साथ ही प्रदेश और देश को गौरवान्वित किया है. (Increased the pride of Chhindwara district)

भोपाल के ग्रामीण इलाकों में स्वच्छता को आदत बनाने के लिए आकर्षक पुरस्कारों का सहारा

2018 और 2019 के प्रतियोगी का सामूहिक हुआ आयोजनः भारत सरकार के नव प्रवर्तन प्रतिष्ठान साइंस एंड टेक्नोलॉजी गांधी नगर गुजरात के साइंटिस्ट तुषार गर्ग ने बताया कि तीसरे आसियान इंडिया ग्रासरूट्स इनोवेशन फोरम में ग्रासरूट इनोवेशन प्रतियोगिता में भारत के बिहार की शालिनी कुमारी ने एडजस्टेबल लेग्स के साथ अपने इनोवेशन मॉडिफाइड वॉकर के लिए प्रथम पुरस्कार प्राप्त किया. फोरम में कुल मिलाकर जमीनी स्तर के कुल 45 नवप्रवर्तकों ने भाग लिया और इस प्रतियोगिता में 9 राष्ट्रीयताओं का प्रतिनिधित्व हुआ. आसियान-इंडिया ग्रासरूट्स इनोवेशन फोरम में भारत सरकार और नेशनल इनोवेशन फाउंडेशन इंडिया ने सेमिनार सत्र, नवाचार प्रतियोगिताएं और एक प्रदर्शनी में सहभागिता की. उल्लेखनीय है कि आसियान-भारत ग्रासरूट इनोवेशन फोरम के दो फोरम क्रमशः इंडोनेशिया (2018) और फिलीपींस (2019) में आयोजित हो चुके हैं. (PM modi cleanliness campaign will get wings)

छिंदवाड़ा की आदिवासी बेटी का अनोखा आविष्कार

बिना हाथ लगाए टॉयलट की जा सकती है साफः इस मशीन की सहायता से बिना हाथ लगाए टॉयलेट, फर्श और दीवार जैसी चीजों को कम पानी में आसानी से साफ किया जा सकता है. आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली सुलोचना काकोड़िया का कहना है कि अधिकतर देखा जाता है कि लोग टॉयलेट सफाई को घृणा की नजर से देखते हैं. वहीं से सबसे ज्यादा गंदगी और बीमारी पैदा होती है. यही देखते हुए सुलोचना के मन में विचार आया कि कोई ऐसा यंत्र बनाया जाए, जो कम पानी में अच्छी सफाई करे, क्योंकि गांव में पानी की समस्या भी होती है. इसे सुलोचना ने प्रधानमंत्री को तोहफा दिया है बेटी अपने स्कूल की बाल कैबिनेट में प्रधानमंत्री भी है. (Toilet can be cleaned without touching)

देश में पाया था पहला स्थानःइन दिनों सुलोचना अपने अनोखे मॉडल को लेकर काफी चर्चा में है. बता दें कि इंस्पायर अवार्ड के तहत 2019 दिल्ली में कई प्रदेशों के मॉडल शामिल हुए थे, जिसमें सुलोचना के इस मॉडल को देश में पहला स्थान हासिल हुआ था. (Got first place in the country)

बचपन में पिता को खोया मां ने मजदूरी करके पढ़ायाः सुलोचना के सिर से बचपन में ही पिता का साया उठ गया था. मां मजदूरी करके अपने परिवार का पेट पालती है. सुलोचना सरकारी छात्रावास में रहकर देश के लिए कुछ करने का जज्बा रखती है. जिसके चलते उसने प्रधानमंत्री की मुहिम में हिस्सा लेते हुए इस मशीन का निर्माण किया है. अब सुलोचना चाहती है कि प्रधानमंत्री मोदी उनके मॉडल को पेटेंट करा कर देश में इसका उपयोग कराएं. जिससे उसकी मेहनत साकार हो. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपने आविष्कार के प्रदर्शन की इस उपलब्धि पर जिले के प्रभारी मंत्री कमल पटेल, कलेक्टर शीतला पटले, जनजातीय कार्य विभाग के सहायक आयुक्त सत्येन्द्र सिंह मरकाम व सहायक संचालक शिक्षा उमेश कुमार सातनकर, जिला शिक्षा अधिकारी गोपाल सिंह बघेल और संबंधित शाला के प्राचार्य, शिक्षकों व विद्यार्थियों ने छात्रा कुमारी सुलोचना काकोड़िया को बधाई और शुभकामनायें दी हैं. (lost father in childhood mother taught by laborer)

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