छिंदवाड़ा। करीब 33 साल पहले छिंदवाड़ा के 4 गांव की करीब 750 हेक्टेयर जमीन सरकार ने पेंच थर्मल पावर प्लांट बनाने के लिए अधिग्रहण की थी. बाद में उस जमीन को प्लांट बनाने के लिए अडानी ग्रुप के हवाले कर दिया गया. कंपनी ने उस समय वादा किया था कि जिस-जिस की जमीन अधिग्रहित की गई है. उस परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी. 10 साल बाद भी जब मौके पर कोई निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ, तो नौकरी की आस लगाए बैठे परिवारों ने जमीन वापस करने की मांग करते हुए जमीन पर खेती शुरू कर दी. प्रशासन ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए किसानों की फसलों पर बुलडोजर चला दिया है.
33 साल पहले सरकार ने किया था अधिग्रहण
चौरई के 4 गांव की करीब 750 हेक्टेयर जमीन को 1988 में अधिग्रहण किया गया था. सरकार ने इस जमीन को पेंच नदी पर थर्मल पावर प्लांट का निर्माण करने के लिए अधिग्रहित किया था. 2011 में इस जमीन को थर्मल पावर प्लांट बनाने के लिए अडानी ग्रुप को दे दिया गया. उस समय इस जमीन को अडानी ग्रुप को देने का विरोध हुआ था. विरोध शांत करने के लिए अडानी ग्रुप ने वादा किया था कि जिस-जिस परिवार की जमीन अधिग्रहित की गई है, उस परिवार के एक-एक सदस्य को नौकरी दी जाएगी.
नौकरी मिली नहीं, जमीन भी हाथ से गई