छिंदवाड़ा। अब तक छिंदवाड़ा जिले में किले के रूप में पहचान रखने वाली देवगढ़ को अब प्राचीन बावड़ियों के गांव के नाम से भी जाना जाएगा. दरअसल जिला प्रशासन में यहां पुरानी बावड़ियों को खोज कर सहेजने का काम शुरू किया है. बताया जाता है कि 16वीं सदी में देवगढ़ गौंड राजाओं की राजधानी थी, उसी दौरान राजाओं ने यहां सैकड़ों कुएं और बावड़ियों का निर्माण कराया था, लेकिन धीरे-धीरे ये बावड़ियां खत्म हो रहीं थीं, अब जिला प्रशासन और ग्राम पंचायत ने इन्हें संरक्षित करने का जिम्मा उठाया है.
16वीं सदी की 900 बावड़ियां और 800 कुएं मिले
बताया जाता है कि देवगढ़ के किले और उसके आसपास 900 बावड़ियां और 800 कुएं हैं. जिन्हें तत्कालीन शासकों ने बनवाया था. अभी तक 48 बावड़ियां और 12 कुएं की खोज की जा चुकी है, जिनमें से 21 बावड़ियों के जीर्णोद्धार का काम शुरू किया गया है.
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