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अनाज मांगने कलेक्ट्रेट पहुंची महिलाएं, सुरक्षाकर्मियों ने बिना मदद बाहर से ही भगाया - छतरपुर में गरीब परेशान

प्रदेश में लॉकडाउन के बाद राज्य सरकार ने सभी जिले के अधिकारियों को इस बात को लेकर आदेश दिए थे, कि कोई भी व्यक्ति जो गरीब है उसे राशन हर हाल में मिलना चाहिए. फिर चाहे उसके पास गरीबी रेखा का राशन कार्ड हो या नहीं. लेकिन छतरपुर में गरीबों और मजदूरों को राशन नहीं मिल रहा है, जिसकी वजह से उन्हें परेशान होना पड़ रहा है.

Women reached Chhatarpur Collectorate seeking grain
राशन ना मिलने से परेशान गरीब महिलाएं कलेक्टर से गुहार लगाने पहुंची

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Published : Apr 23, 2020, 6:40 PM IST

छतरपुर।जिले के विभिन्न भागों में रहने वाली कुछ महिलाएं राशन की समस्या को लेकर क्लेक्टर से मिलने कलेक्ट्रेट पहुंची. महिलाओं का कहना है कि उनके पास राशन कार्ड है, लेकिन उन्हें राशन नहीं मिल रहा है, जिस वजह से उनके बच्चे भूखे हैं. कई दिनों से वह सरकारी राशन की दुकान के चक्कर लगा रही हैं और राशन की दुकान वाला उन्हें इधर से उधर भटका रहा है.

78 साल के ये बुजुर्ग भी अनाज ना मिलने से परेशान होकर कलेक्ट्रेट पहुंचे थे

लेकिन यह तमाम महिलाएं छतरपुर कलेक्ट्रेट में इस उम्मीद से पहुंच गईं कि छतरपुर जिले के वरिष्ठ अधिकारी उनके ऊपर ध्यान देंगे और उनके परिवार के लिए भोजन मिल सकेगा. लेकिन महिलाओं से मिलना तो दूर सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें कलेक्ट्रेट के अंदर तक नहीं जाने दिया.

राशन ना मिलने से परेशान गरीब महिलाएं कलेक्टर से गुहार लगाने पहुंची

आखिरकार मायूस होकर सभी महिलाएं अपने घर की ओर वापस लौट गई. देरी रोड में रहने वाली शकुंतला अनुरागी बताती हैं कि उनके घर में राशन खत्म हो गया है. उनके पास राशन कार्ड और अन्य दस्तावेज भी हैं लेकिन राशन की दुकान पर उन्हें राशन नहीं दिया जा रहा है और अब बच्चे भूखे हैं.

कलेक्ट्रेट पहुंची एक अन्य महिला भागवती प्रजापति बताती हैं कि जब तक उनके पास पैसे थे तब तक वह अपने परिवार के लिए और अब जब कि पैसे खत्म हो गए हैं तो एक बार फिर राशन की किल्लत होने लगी है.

अब प्रशासन पर ही आश्रित गरीब

कलेक्ट्रेट के बाहर महिलाओं के अलावा 78 साल के एक बुजुर्ग व्यक्ति भी थे. जिनका कहना था कि उन्हें राशन नहीं मिल रहा है. जिले में समाजसेवियों के द्वारा धीरे-धीरे भोजन वितरण करना कम होता जा रहा है, यही वजह है कि अब लोग पूरी तरह से प्रशासन पर आश्रित हो गए हैं और लोगों को अब भोजन की दिक्कतें आने लगी हैं.

मामले में हमने छतरपुर कलेक्टर के अलावा कई वरिष्ठ अधिकारियों से बात करने की कोशिश की, लेकिन किसी ने भी कैमरे के सामने आकर बोलने से मना कर दिया.

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