छतरपुर। हमारे देश में एक वक्त ऐसा था जब महिलाओं को हर महीने होने वाले पीरियडस को लेकर चर्चा करने में लोग शर्म महसूस कर रहे थे लेकिन बदलते समय में लोगों में जागरूकता आई है. वक्त के साथ ही देश, समाज और लोगों की सोच भी बदल गई है. पीरियडस को लेकर महिलाएं अब खुलकर बात कर रहीं हैं. ईटीवी भारत ने बुंदेलखंड की उन पैड वुमन्स के बारे में बता रहा है, जो पिछले 3 सालों से सैनिटरी पैड का उत्पादन कर गांव की महिलाओं को जागरूक करने का काम कर रहीं हैं.
महिलाओं के मासिक धर्म के बारे में जागरूकता को लेकर किसी महिला नहीं बल्कि एक पुरूष ने सबसे पहले संदेश दिया. फिल्मी दुनिया की जानी मानी हस्ती अक्षय कुमार ने अपनी फिल्म पैडमेन के जरिए पीरियड्स को लेकर लोगों को संदेश दिया. मध्य प्रदेश के बुंदेलखंड के छतरपुर जिले में महिलाओं में इस बात को लेकर गजब की जागरूकता दिखी. महिलाओं का एक ग्रुप पीरियड्स को लेकर न सिर्फ महिलाएं चर्चा कर रही हैं बल्कि सैनिटरी पैड का उत्पादन कर गांव की महिलाओं को जागरूक करने का काम कर रहीं हैं.
बुंदेलखंड में छतरपुर के छोटे से गांव में पिछले 3 सालों से कुछ महिलाएं ग्रामीण महिलाओं व बच्चियों को सेनेटरी नैपकिन की महत्वता और पीरियडस के समय होने वाली समस्याओं को लेकर जागरूक कर रही हैं. महिलाएं सैनिटरी नैपकिन को गांव में ही बनाती हैं. उसे गांव की युवतियों के साथ मिलकर ही दूसरी ग्रामीण महिलाओंमें बेचती हैं. इतना ही नहीं महिलाएं घर-घर जाकर दूसरी महिलाओं को सैनिटरी नैपकिन की महत्व के बारे में बताते हुए इस्तेमाल की सलाह भी देती हैं.
बुंदेलखंड में आज भी ग्रामीण क्षेत्र की महिलाएं सैनेटरी नेपकिन व महावारी से जुड़ी समस्याओं को लेकर कुछ भी बोलने से कतराती हुई नजर आती हैं. ऐसे में यह बुंदेलखंड की पैड वुमन्स लगातार ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को माहवारी से समस्याओं को लेकर लगातार जागरूक कर रही हैं. जिससे आने वाले समय में उन्हें इससे जुड़ी किसी भी समस्या का सामना ना करना पड़े.