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आकाशीय बिजली गिरने से महिला की मौत, बुंदेलखंड गौशाला प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप

छतरपुर जिले के नौगांव में आकाशीय बिजली की चपेट में आने से एक महिला की मौत हो गई है और एक अन्य महिला गंभीर रुप से घायल हुई है, जिसका अस्पताल में इलाज चल रहा है. महिला की मौत के बाद परिजन न बुंदेलखंड गौशाला प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाया है.

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Published : Jul 23, 2020, 4:49 PM IST

छतरपुर। नौगांव में बुंदेलखंड गौशाला की जमीन पर पिपरमेंट लगाने के दौरान अचानक आकाशीय बिजली गिरने से एक महिला की मौत हो गई, जबकि एक गंभीर रूप से घायल है, जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना के बाद जहां मृतका के परिवार में मातम छाया हुआ है, वहीं बुंदेलखंड गौशाला के प्रबंधन पर परिजनों ने लापरवाही का भी आरोप लगाए हैं.

आकाशीय बिजली गिरने से महिला की मौत

मिली जानकारी के मुताबिक नौगांव से लगी बुंदेलखंड गौशाला में बुधवार दोपहर के समय पिपरमेंट की गुड़ाई कर रही दो महिलाओं पर अचानक आकाशीय बिजली गिर गई, जिससे वह घायल हो गईं. बिजली गिरने से एक महिला की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दूसरी महिला को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया है. मृतका का पति मनीराम का कहना है कि गौशाला प्रबंधन की लापरवाही के कारण उसकी पत्नी की जान गई है. बिजली गिरने के एक घंटे बाद तक कोई मौके पर नहीं आया, यदि समय पर उन्हें अस्पताल पहुंचा दिया जाता तो शायद महिला की जान बच जाती.

गौशाला में भारी भ्रष्टाचार

बताया जा रहा है कि बुंदेलखंड गौशाला में गायों के लिए दाना-पानी उगाने के लिए 84 एकड़ जमीन दी गई है, लेकिन यहां की कमेटी के द्वारा गायों के लिए दाना पानी ना उगाकर बल्कि व्यवसायिक लाभ के लिए इस जमीन का इस्तेमाल किया जा रहा है और गायों के नाम पर खोली गई इस गौशाला में गायों को भूखा रखकर प्रबंधन के पदाधिकारी अपनी जेब भरने में जुटे हुए हैं. गौशाला प्रबंधन के मुतिबिक रजिस्टर में जो लेख है, उसमें 500 से अधिक गाय गौशाला के नाम दर्ज हैं, जबकि गौशाला में मात्र 40 से 50 गाय ही रह रही हैं और उनके लिए ही गौशाला प्रबंधन दाना-पानी की व्यवस्था बड़ी मुश्किल से करता है.

सहायता राशि दिलाने का प्रयास

इस पूरे मामले में तहसीलदार भानुप्रताप सिंह का कहना है कि गौशाला में पिपरमेंट लगाने के दौरान एक महिला की आकाशीय बिजली गिरने से मौत का मामला संज्ञान में आया है. पूरे मामले में प्रकरण बनाकर शासन से मिलने वाली सहायता के लिए प्रयास किए जा रहे हैं और व्यवसायिक फसलों के संबंध में भी जांच की जा रही है, जो भी तथ्य सामने आएंगे उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.

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