छतरपुर। लवकुशनगर अनुविभाग के राजापुर गांव के मजरा सगेड़ी पुरवा और अहीरन पुरवा में अबतक ग्रामीण सड़क का इंतजार कर रहे हैं. सड़क नहीं होने के चलते बधानों से होकर मुख्य सड़क तक ग्रामीणों को पहुंचना पड़ता है. बारिश के दिनों में ये रास्ता नरक से भी बदतर हो जाता है, साथ ही बीमारी के दौरान यहां के लोगों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. आजादी के इतने साल बीत जाने के बाद भी गांव के लोगों को मुख्य सड़क के लिए आधिकारिक तौर पर न तो किसी अधिकारी ने और न ही किसी नेता ने इसे गंभीरता से लिया.
रास्ता खुलवाने के लिए ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन, दो किमी पैदल चल पहुंचते हैं मेन रोड - लवकुशनगर
लवकुशनगर अनुविभाग के राजापुर गांव के मजरा सगेड़ी पुरवा और अहीरन पुरवा में अबतक ग्रामीण सड़क का इंतजार कर रहे हैं. सड़क नहीं होने के चलते बधानों से होकर मुख्य सड़क तक ग्रामीणों को पहुंचना पड़ता है.
एक बार फिर ग्रामीणों ने अनुविभागीय अधिकारी अविनाश रावत को रास्ता खुलवाने के लिए ज्ञापन सौंपा है. सगेड़ी पुरवा और अहीरन पुरवा की आबादी करीब 500 से 600 है, कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दशकों से यहां रह रहे हैं, उनका कहना है कि इस गांव के हाल जस के तस हैं, कोई बदलाव नहीं हुआ है.
ग्रामीणों ने बताया कि जिन लोगों की जमीन से होते हुए रास्ता निकलता है, उन किसानों ने अपने खेत की मेढ़ जोत दी है और रास्ता बंद कर दिया है. जिसके चलते ग्रामीणों को निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ता है, वहीं सगेड़ी पुरवा और अहीरन पुरवा के ग्रामीणों का कहना है कि जिन किसानों ने रास्ता बंद किया है, वो किसान ग्राम देवरी और भैरा के निवासी हैं. ऐसे में ग्रामीणों को 2 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है.