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Orange Of Chhindwara: संतरे की फसल को खतरा, किसान चिंतित, जानिए क्यों... - Orange farmers worried

बेमौसम बारिश के चलते विदेशों में मिठास बिखरने वाला छिंदवाड़ा का संतरा (Orange of Chhindwara) खतरे में दिखाई दे रहा है, जिसके चलते किसान परेशान हो रहे हैं.

Unseasonal rain threat to orange crop in Chhindwara farmers worried
बेमौसम बारिश से संतरे की फसल को खतरा

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Published : Nov 23, 2021, 9:37 AM IST

Updated : Nov 23, 2021, 2:23 PM IST

छिंदवाड़ा। महाराष्ट्र के नागपुर के बाद छिंदवाड़ा का संतरा (Orange of Chhindwara) देश और दुनिया में मशहूर है. जिले के सौंसर और पांढुर्ना का संतरा बांग्लादेश, नेपाल समेत कई देशों में जाता है, लेकिन बेमौसम बारिश ने किसानों की चिंताएं बढ़ा दी हैं.

बेमौसम बारिश से संतरे होंगे दाग वाले

बेमौसम बारिश से संतरे होंगे दाग वाले, विदेशी बाजारों में डिमांड होगी कम

बेमौसम बारिश से संतरे की फसल को खतरा (Unseasonal rain threat to orange crop) हो गया है. अगर बेमौसम बारिश जारी रही, तो संतरे में दाग होते हैं और दाग वाले संतरे को ज्यादा दिन स्टोर नहीं किया जा सकते. ऐसे में विदेशों में संतरे की डिमांड कम हो जाती है.

संतरांचल के नाम से प्रसिद्ध है छिंदवाड़ा का इलाका

महाराष्ट्र के नागपुर जिले और अमरावती जिले से लगा सौंसर और पांढुर्णा सबसे ज्यादा संतरे का उत्पादन कर रहा है. इसलिए इस इलाके को अब संतरांचल के नाम से भी जाना जाता है, लेकिन धीरे-धीरे अब किसानों का संतरे की फसल से भी मोहभंग हो रहा है (Orange farmers worried).

बेमौसम बारिश से संतरे की फसल को खतरा, किसान चिंतित

पहाड़ी और ठंडे इलाकों में भी हो सकेगी संतरे की खेती, कृषि अनुसंधान केंद्र ने किए सफल परीक्षण
जिले में 23 हजार हेक्टेयर जमीन में होती है संतरे की पैदावार।
छिंदवाड़ा जिले में चार विकास खंडों में मूल रूप से संतरे की पैदावार होती है जिसमें सबसे ज्यादा पांढुर्ना और सौंसर में होती है. उद्यानिकी विभाग छिंदवाड़ा (Horticulture department Chhindwara) के उपसंचालक एमएल ऊइके ने ईटीवी भारत को बताया कि जिले भर में करीब 12 हज़ार किसान 23 हजार हेक्टेयर में संतरे की पैदावार करते हैं.

किसी भी इलाके में कर सकते है संतरे की खेती

कृषि वैज्ञानिक विजय पराड़कर ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि महाराष्ट्र के विदर्भ इलाके से लगा सौंसर और पांढुर्णा में ज्यादा तापमान और समतल भूमि के कारण नागपुरी संतरे का उत्पादन होता है. दूसरे किसान भाईयों को भ्रांति थी कि इस इलाके में ही मीठे संतरे की पैदावार हो सकती है, लेकिन कृषि अनुसन्धान केंद्र में तैयार की गई संतरे के पौधों से किसान भाई छिंदवाड़ा जिले के किसी भी इलाके में संतरे की खेती कर सकते है.

Last Updated : Nov 23, 2021, 2:23 PM IST

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