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कुपोषण के चलते दो भाइयों को छोड़ना पड़ा स्कूल, गरीबी में नहीं मिल रहा पोषित आहार

छतरपुर में कुपोषण के कारण दो सगे भाइयों के पेरों में कमजोरी आ गई है. जिसके चलते उन्हें चलने फिरने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. दोनों को इसी कारण अपनी पढ़ाई भी छोड़नी पड़ी.

कुपोषण

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Published : Nov 23, 2019, 12:11 AM IST

Updated : Nov 24, 2019, 12:01 AM IST

छतरपुर।भारत को वैश्विक शक्ति बनाने के लिए सरकारें दम भरती आई हैं, लेकिन अगर देश का भविष्य कुपोषण के अंधकार में हो तो भारत का कैसे वैश्विक शक्ति बन सकता है. देश के दिल मध्यप्रदेश में भी कुपोषण के हालात गंभीर हैं. कुछ ऐसा ही हाल छतरपुर जिले के गढ़ी मलहरा के वार्ड नंबर 6 में रहने वाले एक परिवार के दो बच्चों का है.

कुपोषण के शिकार दो सगे भाई

दोनों बच्चे कुपोषण का शिकार हैं, जिसके चलते दोनों भाइयों के पैर पतले हो गए हैं. वे दौड़-भाग नहीं पाते, साथ ही चलने में भी दिक्कत होती हैं. कुपोषित बच्चा महेंद्र बताता है कि वह पहले ठीक था लेकिन अचानक उसे कमजोरी आ गई और अब वह चल नहीं पाता है. चलने में पैर दर्द देते हैं, पैर मुड़ने भी लगे हैं, लेकिन कोई भी उसका इलाज ठीक से नहीं करा रहा है.

पैर हुए कमजोर, कैसे जाएं स्कूल

दूसरा बच्चा कृष्णा यादव 5 साल का है उसका कहना है कि वह चल तो लेता है लेकिन दौड़ नहीं लगा पाता है, क्योंकि बेहद कमजोर है और पैर पतले हैं. जिससे उसके पैरों में बहुत दर्द होता है और इसी वजह से दोनों भाइयों ने स्कूल जाना ही बंद कर दिया.

इन दोनों बच्चों का परिवार बेहद गरीब है. बच्चों की मां जानकी बाई बताती हैं कि परिवार की आर्थिक तंगी के चलते वह बच्चों को ठीक से खाना नहीं खिला पाती हैं, बच्चे दिन भर नमक और रोटी खाकर ही रहते हैं. लेकिन सरकार ने उनके परिवार की ओर कोई ध्यान नहीं दिया. जानकी कहती हैं कि अगर नगर परिषद गढ़ी मलहरा उनका राशन कार्ड बनवा दे, तो शायद बच्चों को ठीक से खाना मिल सकेगा और बच्चे कुपोषण मुक्त हो पाएंगे.

अधिकारी दे रहे गोलमोल जवाब

मामले में जब ईटीवी भारत ने परियोजना अधिकारी मंजू जैन से बात की तो उनका कहना था कि सरकार तमाम प्रकार की योजनाएं चला रही है एक योजना यह भी चला जाती है कि नगर परिषद या ग्रामीण या शहर के जो गणमान्य लोग हैं वह ऐसे बच्चों को गोद ले लेते हैं और धीरे-धीरे उन बच्चों की देखरेख होने लगती है.

सरकार की योजनाओं की हकीकत बताने के लिए यह काफी है कि कुपोषण के चलते 2 बच्चों ने बीच में ही अपनी पढ़ाई रोक दी और अधिकारियों को इनकी कोई सुध ही नहीं है. ऐसे में प्रदेश कब कुपोषण मुक्त होगा यह तो अब वख्त ही बता सकता है.

Last Updated : Nov 24, 2019, 12:01 AM IST

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