छतरपुर। शहर के सबसे प्राचीनतम मंदिरों में से एक संकट मोचन मंदिर शहर के बीचों बीच स्थित है. तालाब पर बनाया गया खूबसूरत मंदिर अपने आप में अद्वितीय है. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में कोई भी भक्त अपना संकट लेकर आता है तो भगवान शंकर उस संकट को जरूर दूर करते हैं. यही वजह है कि इस मंदिर को संकट मोचन मंदिर के नाम से जाना जाता है.
400 साल पुराना संकट मोचन मंदिर अपने आप में सबसे अनोखा है. ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में आने वाला कोई भी भक्त भगवान शिव के आशीर्वाद के बिना नहीं जाता. यही वजह है कि इस मंदिर को संकटमोचन मंदिर के नाम से जाना जाता है. मंदिर के अंदर भगवान शिव की एक बड़ी सी शिवलिंग मौजूद है.
मंदिर के पुजारी मुन्ना बताते हैं कि उनकी कई पीढ़ियां इस मंदिर में पूजा करते हुए आ रहे हैं. आज तक इस मंदिर से कोई भी भक्त निराश नहीं गया. पुजारी बताते हैं कि मंदिर के प्रति लोगों की गहरी आस्था है. शिवरात्रि के अलावा सावन सोमवार को इस मंदिर में अलग ही रौनक रहती है, क्योंकि इस समय वैश्विक महामारी चल रही है, इसलिए मंदिर में भक्त बहुत कम आ रहे हैं. पुजारी का कहना है कि सावन लगते ही इस मंदिर में अखंड राम धुन का जाप शुरू हो जाता है और यह 24 घंटे चलता रहता है.