छतरपुर।बुंदेलखंड का आइलैंड कहा जाने वाला कुटनी डैम अपने आप में एक अलग पहचान रखता है, यहीं वजह है कि इसे बुंदेलखंड का स्विट्जरलैंड भी कहते हैं. कुटनी नदी पर बने इस आइलैंड को देखकर ऐसा लगता है जैसे मानो पानी के बीचों-बीच कोई जहाज चल रहा हो. लॉकडाउन के चलते भले ही यहां पर्यटकों की कमी हो लेकिन शाम ढलते ही इस खूबसूरत जगह की खूबसूरती अपने आप बढ़ जाती है.
लॉकडाउन के चलते पर्यटकों का आना हुआ कम
छतरपुर जिले से लगभग 65 किलोमीटर दूर कुटनी नदी पर बना आईलैंड देश के पर्यटकों के साथ विदेशी पर्यटकों के लिए भी बेहद खास माना जाता रहा है, लेकिन लॉकडाउन शुरू होने के बाद से अब यहां काफी कम मात्रा में पर्यटक पहुंच रहे हैं, वहीं विदेशी पर्यटकों का तो फिलहाल आना ही बंद हो गया है.
शाम ढलते ही बढ़ती है खूबसूरती
दरअसल इस आईलैंड की खासियत है कि शाम ढलते ही ये बेहद खूबसूरत हो जाता है. यही वजह है कि इसे देखने के लिए लोग दूर-दूर लंबा सफर तय करके पहुंचते हैं हालांकि मुख्य सड़क से आईलैंड तक पहुंचने के लिए 1 किलोमीटर की सड़क बेहद खराब है, जिसके चलते ज्यादातर पर्यटक रास्ता भटक जाते हैं, और बारिश के दिनों में यहां 1 किलोमीटर का रास्ता और भी खराब हो जाता है.
एक किलोमीटर का रास्ता है खराब
बता दें कि ज्यादातर लोग यहां पर ढलते हुए सूरज को देखने के लिए पहुंचते हैं. आईलैंड घूमने आए पर्यटक इस बात को मानते हैं कि यह आइलैंड बेहद खूबसूरत है, लेकिन करीब 1 किलोमीटर का रास्ता बेहद खराब है, अगर यह 1 किलोमीटर का रास्ता ठीक हो जाता है तो इससे खूबसूरत पर्यटक स्थल आसपास कहीं पर भी नहीं है.
वन विभाग के चलते नहीं बन रही सड़क
छतरपुर जिले के मुख्य मार्ग से होते हुए लगभग करीब एक घंटे के समय में आसानी से इस आईलैंड तक पहुंचा जा सकता है. बेहद खूबसूरत एवं अद्वितीय दिखाई देने वाला यह आइलैंड केवल 1 किलोमीटर खराब सड़क की वजह से अपनी ओर अधिक पर्यटकों को आकर्षित नहीं कर पाता है. बताया जाता है कि 1 किलोमीटर की सड़क जो खराब पड़ी हुई है वन विभाग के क्षेत्र में आती है और यही वजह है कि वन विभाग इस सड़क को बनने नहीं दे रहा है.