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नेताओं और अधिकारियों ने नहीं सुनी फरियाद, किसानों ने कर्ज ले कर खुदवाए ट्यूबवेल

बिजावर मुख्यालय से नौ किलोमीटर दूर मेदनीपुर गांव में पानी की समस्याओं को लेकर किसानों ने प्रशासन के प्रति नाराजगी जाहिर की है. पिछले कुछ महीनों में कर्ज लेकर एक के बाद एक सात-आठ ट्यूबवेल गांव के किसानों ने खुदवा लिए हैं.

किसानों ने कर्ज ले कर खुदवाए ट्यूबवेल

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Published : Aug 20, 2019, 11:06 AM IST

छतरपुर। नेताओं और अधिकारियों की उदासीनता और प्रकृति की बेरूखी से बुन्देलखंड कई सालों से सूखे की चपेट में है. जहां पूरे देश में मूसलाधार बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है, वहीं बुंदेलखंड के किसान आसमान की ओर मुंह ताक रहे हैं. बिजावर मुख्यालय से नौ किलोमीटर दूर मेदनीपुर गांव में पानी की समस्याओं को लेकर किसानों ने प्रशासन के प्रति नाराजगी जाहिर की है. पिछले कुछ महीनों में एक के बाद एक 7-8 ट्यूबवेल गांव के किसानों ने खुदवा लिए हैं.

किसानों ने कर्ज लेकर खुदवाए ट्यूबवेल

मेदनीपुर के रहनेवाले किसानों ने बताया कि उनके गांव में पीने के पानी की समस्या को लेकर लोग परेशान थे. गांव के जितने भी शासकीय हैंडपंप और नल मौजूद हैं, वो खराब हो चुके हैं, साथ ही पानी के कुएं या पानी के अन्य स्रोत पूरी तरफ से सूख गए हैं. जिसकी शिकायत करने के लिए किसान अधिकारियों के और नेताओं के दफ्तरों के चक्कर लगा-लगाकर परेशान हो गए थे. जिसके बाद किसानों ने बाजार में साहूकारों से ब्याज पर कर्ज लेकर गांव में एक-दो नहीं बल्कि आधा दर्जन से अधिक ट्यूबवेल खुदवा लिए. अब किसान गांव वालों को पानी मुहैया करवा रहे हैं.

अब साहूकारों का कर्ज चुकाने के लिए कुछ किसानों के परिवार के लोगों को पलायन कर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा में मजदूरी करनी पड़ रही है. हरिजन बस्ती के निवासियों का कहना कि गर्मियों में पानी की विकराल समस्या होती थी, जिसके चलते गांव की महिलाओं और बच्चों को कई किलोमीटर दूर खेतों में लगे ट्यूबवेल से पीने के लिए पानी भर कर लाना पड़ता था. जब इस बारे में जनपद सीईओ से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि पंचायत समन्वयक अधिकारी से जांच कर हितग्राहियों को लाभ दिलाने का प्रयास किया जाएगा.

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