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राम मंदिर निर्माण से खुश लेकिन समिति के रवैये से नाराज क्यों है निर्मोही अखाड़ा, पढ़ें पूरी खबर...

राम मंदिर निर्माण को लेकर निर्मोही अखाड़ा में खुशी जाहिर की है.लेकिन अखाड़ा के किसी भी सदस्य को नहीं बुलाए जाने को लेकर महंत मंदिर निर्माण समिति से नाराज हैं. राम मंदिर निर्माण की सालों से पैरवी करने वाले निर्मोही अखाड़े की अवहेलना से संत नाराज हैं, वहीं मंदिर बनने को लेकर स्थानीय मंदिर में कई अनुष्ठान किए जा रहे हैं.

Bhagwan Das Maharaj
भगवान दास महाराज

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Published : Aug 1, 2020, 11:54 PM IST

Updated : Aug 3, 2020, 4:57 PM IST

छतरपुर। राम मंदिर निर्माण को लेकर अयोध्या में तैयारियां होने लगी हैं, 5 अगस्त को भूमि पूजन किया जाना है. इसलिए देश से तमाम बड़े संत और हस्तियों को आमंत्रित किया गया है, लेकिन ऐसे में राम मंदिर के मुख्य पैरवी करने वाला निर्मोही अखाड़ा नाराज है. निर्मोही अखाड़े के पंच भगवान दास महाराज राम मंदिर समिति से नाराज हैं. हालांकि भगवान दास मंदिर निर्माण को लेकर बेहद खुश हैं, उनका कहना है कि कई सालों की तपस्या का फल अब मिलने जा रहा है. लेकिन राम मंदिर समिति ने निर्मोही अखाड़े की अवहेलना की है.

भगवान दास महाराज

निर्मोही अखाड़े के पंच भगवान दास महंत जिले के महोबा रोड स्थित जानराय टोरिया के महंत हैं, साथ ही निर्मोही अखाड़े के मुख्य पंचों में से भी एक हैं. भगवान दास का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी निर्मोही अखाड़े को सदस्य समिति में शामिल करने के लिए कहा था, जिस पर समिति में निर्मोही अखाड़े के एक सदस्य को लिया गया है, लेकिन निर्मोही अखाड़े को उतनी तवज्जो नहीं दी जा रही है, जितनी मिलनी चाहिए थी.

मंदिर

उन्होंने कहा कि हम पिछले कई सालों से राम मंदिर के लिए संघर्ष करते आ रहे हैं. निर्मोही अखाड़ा 1528 से राम मंदिर के लिए संघर्ष करते हुए आ रहा है और जब तक को सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आ गया, तब तक मंदिर के लिए संघर्ष करता रहा. महंत ने कहा कि उनके पीठ मंदिर से लगातार पांच दिनों तक सुंदरकांड, भगवान शिव की पूजा और कई तरह के अनुष्ठान चलते रहेंगे. मंदिर निर्माण समिति में निर्मोही अखाड़े के एक संत को रखा तो गया, लेकिन उनके किसी भी प्रकार के विचार पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

राम मंदिर

ऐसा होगा भव्य राम मंदिर

  • मंदिर की ऊंचाई 161 फीट होगी
  • मंदिर में दो अतिरिक्त मंडपों को जोड़ा गया है
  • तीन की जगह पांच गुंबद और एक मुख्य शिखर होगा
  • उकेरे गए पत्थरों और स्तंभों का उपयोग भी किया होगा
  • 67 एकड़ भूमि में से 2 एकड़ में बनेगा रामलला का मंदिर
  • नींव के पत्थर के रूप में 40 किलो चांदी की ईंट की स्थापना होगी
Last Updated : Aug 3, 2020, 4:57 PM IST

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