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गरीब को क्यों नहीं मिल सका योजनाओं का लाभ, मजदूर परिवार बिना छत के कमरे में रहने को मजबूर - Government schemes

छतरपुर के पड़रिया गांव में रहने वाले मजदूर बलराम जो अभी लॉकडाउन के चलते गुजरात में फंसा है उसका परिवार एक बिना छत के कमरे में रहने को मजबूर है क्योंकि इ्न्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है.

Chhatarpur
छतरपुर

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Published : May 6, 2020, 2:44 PM IST

छतरपुर। सरकार की फाइलों में कैद आंकड़ों के बीच ग्रामीण अंचलों में गरीब, असहाय व्यक्तियों को संचालित योजनाओं का लाभ क्यों नहीं मिल पा रहा है. यह प्रश्न विचारणीय है. बड़े बड़े दावों के बीच क्रियान्वयन इकाई का ढुलमुल रवैया अंतिम छोर के व्यक्ति को न्याय दिलाने में पंगु साबित हो रहा है. शायद यही कारण है कि तमाम पात्र हितग्राही आज भी लाभ पाने की बांट जोह रहे हैं.

ऐसा ही मामला छतरपुर जिले के जनपद पंचायत गौरिहार की ग्राम पंचायत बिजासिन के ग्राम पड़रिया का है जहां पात्र हितग्राही योजनाओं का लाभ पाने के लिए भटक रहा है. ईटीवी भारत की टीम जब गांव के बलराम यादव के घर पहुंची तो एकाएक यकीन नहीं हुआ कि ऐसा जीवन जीने को कोई मजबूर हो सकता है.

एक कमरा, उसमें फटी पुरानी पन्नी की छाया

बलराम यादव के घर पहुंचने के बाद हमारी सबसे पहले बलराम की पत्नी गुड्डो से बात हुई, गुड्डो ने बताया कि 'मेरे परिवार में कुल 3 सदस्य हैं मेरे पति के अलावा एक 16 साल का बेटा भी है. हमारे पास एक ही कमरा है उसमें भी छत के नाम पर फटी पुरानी पन्नी डाल रखी है, जिसमें जैसे तैसे गुजारा चलता है. हम लोग मजदूरी कर अपना पेट पालते हैं. कृषि भूमि न होने के कारण मजदूरी के अलावा कोई रोजगार नहीं है. हमारे पास राशन पर्ची है जिसमें महीने में जो खाद्यान्न मिलता है उससे गुजारा नहीं हो पाता.'

जब उससे पूछा गया कि आवास योजना का लाभ नहीं मिला तो उसने कहा कि 'साहब जब गरीब की जेब मे पैसा न हो तो आई हुई योजनाएं दम तोड़ देती हैं' 2011 में हुए सर्वे में जिम्मेदारों ने इस परिवार का नाम आवास की सर्वे में रखा ही नहीं जिससे इसे लाभ ही नहीं मिल सका.

बेटे को नहीं पढ़ा सकीं

गुड्डो से जब उसके बेटे के बारे में पूछा तो आंखों में लाड़ले को पढ़ा न पाने का दर्द साफ झलक रहा था. गुड्डो ने बताया कि 'मैं अपने बेटे मुकेश को पढ़ाना तो चाहती थी पर गरीबी के चलते ऐसा नहीं हो सका. मुकेश वर्तमान समय में लॉकडाउन में गुजरात में फंसा है जो मजदूरी के लिए काफी दिन पहले गया था.

समाजसेवियों ने की मदद

वर्तमान में कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन चल रहा है ऐसे में जहां सरकार गरीब असहाय लोगों की मदद कर रही है वहीं समाजसेवी भी अपना सेवा धर्म निभा रहे हैं. बलराम के घर पहुंचे युवा समाजसेवी भूपेंद्र यादव ने पहले तो परिवार का हाल चाल जाना इसके बाद समर्थ के अनुसार मदद पहुंचाई व उन्हें योजनाओं का लाभ दिलाने का भी उन्हें भरोसा दिया. भूपेंद्र ने बताया कि बलराम कि तरह कई ऐसे परिवार हैं जिन्हें सरकारी योजनाओं से महरूम रखा गया है.

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