छतरपुर। बुंदेलखंड के केदारनाथ धाम के नाम से जाने जाने वाला जटाशंकर धाम बिजावर विधानसभा का हिस्सा है. बुंदेलखंड में बिजावर को राजाओं की नगरी के नाम से भी जाना जाता है. यहां स्थित सीता राम मंदिर बहुत प्रसिद्ध है. उत्तरप्रदेश की सीमा से लगे इस इलाके में यूपी की राजनीति का भी असर देखने को मिलता है. प्रमुख रूप से खेती किसानी पर निर्भर इस इलाके में सिंचाई और पानी की समस्या गंभीर समस्या है. यहां रोजगार के लिए मजदूर और शिक्षित वर्ग दोनों पलायन के लिए मजबूर हैं. वैसे तो बिजावर विधानसभा में मुख्य मुकाबले में कांग्रेस भाजपा होती है, लेकिन यहां पर बसपा और सपा का प्रभाव देखने मिलता है.
बिजावर विधानसभा परिचय: उत्तरप्रदेश की सीमा से लगी हुई छतरपुर जिले की सबसे छोटी विधानसभा के तौर पर बिजावर को जानते हैं. बिजावर विधानसभा 1951 में विंध्यप्रदेश की 48 विधानसभा में से एक थी. यह विधानसभा क्षेत्र बिजावर नगर पंचायत, छतरपुर, बिजावर और राजनगर तहसील में आता है, लेकिन टीकमगढ़ संसदीय क्षेत्र का हिस्सा है.
बिजावर विधानसभा का चुनावी इतिहास: बिजावर विधानसभा की बात करें तो अनुसूचित जाति, जनजाति और ओबीसी मतदाता के बाहुल्य वाली इस सीट पर वैसे तो प्रमुख रूप से भाजपा और कांग्रेस में मुकाबला देखने को मिला है, लेकिन उत्तरप्रदेश की सीमा से लगे होने के कारण वहां के क्षेत्रीय दलों का भी इस इलाके में जनाधार धीरे-धीरे बढ़ रहा है. यहां कभी-कभी बसपा और सपा के प्रत्याशी भी चुनाव के समीकरण बिगाड़ और बना देते हैं. 2018 विधानसभा में यहां से कांग्रेस के बागी राजेश शुक्ला समाजवादी पार्टी से चुनाव जीते थे. इस बार भी यहां मुकाबला त्रिकोणीय होने के आसार हैं.
2008 विधानसभा चुनाव:विधानसभा चुनाव 2008 में बिजावर से आशारानी अशोक वीर विक्रम सिंह की जीत हुई थी. भाजपा प्रत्याशी के तौर पर आशारानी भैयाराजा को 24 हजार 589 मत हासिल हुए और कांग्रेस के प्रत्याशी राजेश शुक्ला के लिए 22 हजार 518 मत हासिल हुए. इस तरह भाजपा की आशारानी 2 हजार 207 मतों से चुनाव जीत गयी.
2013 विधानसभा चुनाव: विधानसभा चुनाव 2013 में भाजपा ने अपना टिकट बदल दिया और पुष्पेंद्र गुड्डा पाठक को उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में भी भाजपा की जीत हुई. भाजपा के पुष्पेंद्र गुड्डा पाठक के लिए 50 हजार 576 वोट मिले और कांग्रेस के राजेश शुक्ला के लिए 40 हजार 197 वोट हासिल हुए. इस प्रकार भाजपा प्रत्याशी पुष्पेंद्र गुड्डन पाठक 10 हजार 379 मतों से चुनाव जीत गए.