छतरपुर। एक ओर जहां मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के अन्तर्गत बकस्वाहा में सरकार हीरों के लिए करोड़ों पेड़ काटने की तैयारी है तो वहीं दूसरी ओर छतरपुर निवासी प्रशांत महतो एवं उनका परिवार एक पेड़ को बचाने के लिए पिछले 10 सालों से संघर्षरत है. परिवार ने मकान को बनाने के लिए भी आम का पेड़ नहीं काटा. पेड़-बचाओ, जीवन बचाओ के संदेश को सार्थक कर रहे हैं प्रशांत महतो.
10 सालों में नहीं कटने दिया पेड़
दरसअल प्रशांत की मां ने 10 साल पहले एक आम का पौधा घर में लगया था, तब घर साधारण रूप से बना हुआ था. आम के पौधे को घर के बीचों-बीच लगा दिया गया था. दो सालों में ही ये आम पौधा पेड़ बन गया और फल देने लगा. इसी बीच मकान को आगे बनाने और उसमें कपड़ो का शो रूम खोलने का समय आया, तब सभी लोगों ने आम के पेड़ को काटने की सलाह दी. लेकिन परिवार के लोग उस पेड़ को कटने देना नहीं चाहते थे और उन्होंने आम के पेड़ को काटे बिना बिल्डिंग बनाने का निर्णय लिया.