छतरपुर।बुंदेलखंड में पदयात्रा का महत्त्व व्यापक रूप से देखने को मिलता है. बुंदेलखंड के कई तीर्थ स्थलों पर यात्री पैदल निकल पड़ते हैं, और इन यात्राओं के माध्यम से धार्मिक प्रचार-प्रसार भी करते हैं. गढ़ीमलहरा के मुकरबा मंदिर से पदयात्रा प्रारंभ हुई. यह पदयात्रा चित्रकूट दर्शन और परिक्रमा के बाद समाप्त होगी. गढ़ीमलहरा की आसमानी माता समिति के द्वारा यह पदयात्रा हर साल निकाली जाती है. इसमें राम की धुन पर पदयात्री चित्रकूट तक पैदल जाते हैं. गढ़ीमलहरा से कई श्रद्धालुओं का जत्था चित्रकूट के लिए रवाना हुआ. इससे पहले पूरे गांव में भ्रमण करते हुए पदयात्रियों ने ग्राम के देवताओं को नमन किया गया, और पदयात्री चित्रकूट के लिए रवाना हुए.
छतरपुर: भगवान राम की धुन पर मुकरवा मंदिर से निकाली गई पदयात्रा, चित्रकूट पहुंचकर भक्त करेंगे कामतानाथ के दर्शन - चित्रकूट पहुंचकर भक्त करेंगे कामतानाथ के दर्शन
छतरपुर के गढ़ीमलहरा के मुकरबा मंदिर से पदयात्रा प्रारंभ हुई. यह पदयात्रा चित्रकूट दर्शन और परिक्रमा के बाद समाप्त होती है. गढ़ीमलहरा की आसमानी माता समिति के द्वारा यह पदयात्रा हर साल निकाली जाती है. इसमें राम की धुन पर पदयात्री चित्रकूट तक पैदल यात्रा करते हैं.
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मुकरवा मंदिर से पदयात्रा प्रारंभ,
मुकरवा मंदिर से पदयात्रा प्रारंभ
गढ़ीमलहरा से लगे अनेकों ग्रामों के पदयात्री भी इसमें शामिल रहे. समिति के संयोजक राम किशोर विश्वकर्मा ने जानकारी देते हुए बताया, कि वह लगातार 9 सालों से यह पदयात्रा आसमानी माता समिति के द्वारा कर रहे हैं. इसमें सहयोगी के रूप में वीरेंद्र फोर्ट रज्जू पांडे और अन्य आसमानी माता के भक्त गण सहयोगी के रूप में भूमिका निभाते हैं.