छतरपुर। कोरोना वायरस के चलते देश भर में लॉकडाउन है. लॉकडाउन में गरीब वर्ग के लोग रोजगार से हाथ धोने के बाद आजीविका के लिए महुआ बीन रहे हैं, ताकि खाने-पीने के साधनों को जुटा सकें.
छतरपुर: लॉकडाउन के बीच गरीबों का सहारा बना महुआ
लॉकडाउन में गरीब वर्ग के लोग रोजगार से हाथ धोने के बाद आजीविका के लिए महुआ बीन रहे हैं, ताकि खाने-पीने के साधनों को जुटा सकें.
गरीबों का सहारा बना महुआ
छतरपुर में लॉकडाउन की वजह से लोगों को खाने-पीने की समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा असर गरीब मजदूर और दिहाड़ी करने वालों पर देखने को मिल रहा है, जहां रोजी-रोटी की दिक्कत मुंह बाए खड़ी है, रोजगार से हाथ धोने के बाद बिजावर के लोगों के लिए आजीविका का सबसे बड़ा साधन महुआ बन गया है.
बिजावर नगर पंचायत क्षेत्र के जंगलों से भरा हुआ है, जो गरीब आदिवासी मजदूरों के लिए हमेशा से ही आजीविका का साधन रहा है.